कोलकाता के रोज वैली चिटफंड घोटाले में जांच एजेंसी ईडी निवेशकों का पैसा लौटा रही है. ऐसे में सहारा के निवेशकों को भी नीलाम हुई संपत्ति से पैसा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.
नई दिल्ली. सरकारी जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) रोज वैली चिटफंड घोटाले के जमाकर्ताओं को 12 करोड़ रुपये लौटाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में सहारा के निवेशकों के लिए भी आस जगी है. क्योंकि, सहारा ग्रुप के संकट में जाने के बाद लाखों लोगों का करोड़ों रुपया अटका हुआ है. हालांकि, इस मामले में भी सरकार सहारा के जमाकर्ताओं का पैसा लौटा रही है. सरकार सहारा समूह के जमाकर्ताओं को रिफंड का पैसा सीआरसीएस पोर्टल के जरिए लौटा रही है. केंद्र सरकार ने सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से सहारा समूह की सहकारी समितियों के 4.29 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को लगभग 370 करोड़ रुपये वितरित किए हैं.
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सहारा में लोगों का कितना पैसा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सहारा ग्रुप में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को पैसे के पुनर्भुगतान की सुविधा के लिए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल 18 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया गया था. केंद्र सरकार की ओर से इस पोर्टल के लॉन्च करने के बाद से ही चिटफंड कंपनी सहारा के करोड़ों निवेशकों को फंसे पैसे वापस मिलने की उम्मीद बंधी. अब ईडी की ओर से रोज वैली घोटाले के पीड़ितों को पैसा मिलने के बाद यह उम्मीद और बढ़ गई है.
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सहारा ग्रुप ने 26 राज्यों के ढाई करोड़ से ज्यादा छोटे निवेशकों से लगभग 80 हजार करोड़ रुपये विभिन्न बचत योजनाओं के जरिए जमा कराए थे. सहारा ग्रुप के खिलाफ ईडी समेत कई एजेंसियां 2008 से जांच में लगी हैं. हाल ही में सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए केंद्र सरकार ने सहारा समूह के 4.29 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को लगभग 370 करोड़ रुपये वितरित किए हैं.
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सहारा में पैसा लगाने वाले ग्राहकों की संख्या यूपी में सबसे ज्यादा 85 लाख है. इन लोगों ने 22 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है. वहीं, बिहार के 55 लाख निवेशक हैं तो झारखंड के 24 लाख इनवेस्टर हैं. सहारा में 2017-18 से निवेशकों को रिटर्न मिलना बंद हो गया है.