Hindenburg Report: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने भारत से जुड़े एक और बड़े खुलासे करने का संकेत दिया है. फर्म ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होगा.
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पिछले साल 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी एंटरप्राइजेज की शेयर बिक्री से ठीक पहले अडानी ग्रुप की आलोचना करते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के बाजार मूल्य में 86 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी. साथ ही इसके विदेशी सूचीबद्ध बांडों की भारी बिक्री हुई. इस रिपोर्ट का असर कितना प्रभावी था इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गौतम अडानी दुनिया के नंबर 2 अरबपति से 36वें नंबर पर खिसक गए थे.
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सेबी ने किया था खुलासा
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने अमेरिका शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च और न्यूयॉर्क हेज फंड मैनेजर मार्क किंग्डन के बीच कनेक्शन को मद्देनजर रखकर अदानी-हिंडनबर्ग केस में नया खुलासा किया है. सेबी के अनुसार, हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की रिपोर्ट रिलीज करने से लगभग दो महीने पहले किंग्डन के साथ अपनी रिपोर्ट शेयर की थी. जिससे स्ट्रेटजिक तरीके पर ट्रेडिंग कर बंपर मुनाफा कमाया गया.
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अडानी ग्रुप पर फ्रॉड करने का आरोप!
सेबी ने हिंडनबर्ग को 46 पेज के एक कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि हिंडनबर्ग और किंग्डन कैपिटल मैनेजमेंट ने मई 2021 में एक ‘रिसर्च एग्रीमेंट’ किया था. इसी एग्रीमेंट के तहत रिपोर्ट को साझा की गई थी. दो महीने पहले शेयर की गई रिपोर्ट जनवरी 2023 में पब्लिश की गई रिपोर्ट के लगभग समान थी. इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर ‘कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी’ करने का आरोप लगाया गया. जिससे अदानी की लिस्टेड कंपनियों के बाजार मूल्य में 150 बिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट आई.