Violence Against Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से जारी लगातार हिंसा और अत्याचार से हिंदुओं के सब्र का बांध टूट गया है. इसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आएं हैं. ढाका और चटगांव के साथ ही इस मामले को लेकर विदेशों में भी प्रदर्शन हुए हैं.
ढाका. बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर ढाका और विदेशों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. सूत्रों ने News18 को बताया कि भारत सरकार पड़ोसी देश के हालात पर पैनी नजर रख रही है. शनिवार को बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के कथित नरसंहार के खिलाफ ढाका और दुनिया के अन्य हिस्सों में हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया. राजनीतिक अशांति से प्रभावित देश में हिंदू मंदिरों को नष्ट करने के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन हुए. समुदाय के सदस्यों की हत्या के विरोध में ढाका में बड़ी संख्या में हिंदू बाहर निकले. प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां थाम रखी थीं, जिन पर लिखा था कि ‘हिंदुओं को जीने का अधिकार है.’
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इसी तरह चटगांव में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी स्थानीय अधिकारियों और विश्व संगठनों से सुरक्षा की मांग करते हुए सड़कों पर उतरे. उन्होंने अपने मंदिरों की सुरक्षा की भी मांग की. इसके साथ ही लंदन और फिनलैंड सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं. शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नई अंतरिम सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की अपील की. नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली. कुछ दिनों पहले छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों ने शेख हसीना के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया था.
हालात पर भारत की पैनी नजर
वहीं भारत सरकार के बड़े पद पर तैनात एक सूत्र ने कहा कि ‘हम लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं. हम नागरिक सरकार से भी बात कर रहे हैं और पूरी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि यह अपमान और नरसंहार रुकेगा और सभी मंदिरों को विरासत की तरह संरक्षित किया जाएगा. अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सरकार का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है.’
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सड़कों पर उतरे हजारों हिंदू
गौरतलब है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका और उत्तर-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में शनिवार को लगातार दूसरे दिन अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों सदस्यों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने देश भर में मंदिरों, उनके घरों और व्यवसायों पर हमलों के बीच सुरक्षा की मांग की. वे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीट, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने आदि की मांग कर रहे थे. हिंदू प्रदर्शनकारियों की रैली से मध्य ढाका के शाहबाग में तीन घंटे से अधिक समय तक ट्रैफिक जाम रहा. बांग्लादेशी हिंदुओं को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और सोमवार को भारत भाग जाने के बाद हिंसा और लूटपाट का खामियाजा भुगतना पड़ा है.