देशभर में करीब 1.25 किमी. लंबे रेलवे ट्रैक हैं. ट्रेनों लगातार चलने की वजह से कई बार किसी खास स्थान पर ट्रैक कमजोर होने की आशंका रहती है. इसके लिए ट्रैक की लगातार जांच की जाती है.
नई दिल्ली. आप जल्द ही ट्रेनों से बिना टेंशन सफर कर सकेंगे. भारतीय रेलवे ट्रैक जांच के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है. इससे ट्रेनों का सफर और सुरक्षित बनेगा. ट्रैक मेंटीनेंस के लिए रेलवे ने डिफेंस तकनीक के प्रयोग करने का फैसला किया है. रेलमंत्री ने स्वयं इस संबंध में जानकारी दी और इसके फायदे भी बताएं.
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देशभर में करीब 1.25 किमी. लंबे रेलवे ट्रैक हैं. लगातार ट्रेन चलने की वजह से कई बार किसी खास स्थान पर ट्रैक कमजोर होने की आशंका रहती है. इसके लिए ट्रैक की लगातार जांच की जाती है. जहां पर कमजोर ट्रैक का पता चलता है, वहां पर ट्रैक बदला जाता है. हालांकि मैन्युअल होने की वजह से जांच में काफी समय लगता है. लेकिन मशीन से तेजी से जांच की जा सकेगी.
अब डिफेंस तकनीक से होगी जांच
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार ट्रैक की जांच अब डिफेंस तकनीक से की जाएगी. इसमें जांच में ट्रैक मेंटीनेंस मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा. यह मशीन दोनों ट्रैक पर चलेगी. इसकी स्पीड 30 किमी. प्रति घंटे की होगी. इसमें कैमरे लगे होंगे, जो ट्रैक के दोनों ओर की फोटो लेते हुए जांच करेंगे. अगर बीच में कोई हिस्सा छूट जाता है, तो मशीन वापस जाकर जांच करेगी. इस तरह ट्रैक की 100 फीसदी जांच की जा सकेगी.
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अभी होती है ऐसे जांच
मौजूदा समय ट्रैक की मैन्युअल जांच होती है. रेलवे कर्मी व्हील चलाते हैं, इसमें कैमरा लगा होता है, जहां पर ट्रैक कमजोर होता है, वहां बता देता है. लेकिन यह काम मैन्युअल होता है. उदाहरण के लिए किसी स्थान पर व्हील चलाने का हाथ इधर-उधर हो गया और उसी जगह ट्रैक कमजोर हुआ तो पता नहीं चलेगा. इसलिए ट्रैक मेंटीनेंस मशीन से जांच कराने का फैसला किया गया है, जिससे गलती की कोई गुंजाइश न रहे और ट्रैक की जांच हो सके.