बेखौफ बदमाशों ने फिल्मी स्टाइल में आधी रात के बाद हाईवे पर फरीदाबाद से लेकर पलवल तक 18 किलोमीटर एक कार का पीछा किया और गोलियां बरसाते रहे। उस समय कार में परिवार की महिलाओं सहित अन्य सदस्य सवार थे। गदपुरी टोल के पास कार सवार युवक के सिर और सीने में गोली मारकर हत्या कर दी। मामले में क्राइम ब्रांच की पांच टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।
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जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। हाईवे पर फरीदाबाद से पलवल तक 18 किलोमीटर पीछा कर कार सवार छात्र की गोली मारकर हत्या के मामले में क्राइम ब्रांच की पांच टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है।
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घटना 23 अगस्त आधी रात के बाद की है। उस समय कार में परिवार की महिलाओं सहित अन्य सदस्य सवार थे। एनआईटी थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह हमला रंजिश के तहत किया गया था।
तीन भाईयों में सबसे छोटा था आर्यन
एनआईटी पांच नंबर में रहने वाली श्वेता गुलाटी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उनके मकान में आर्यन मिश्रा परिवार सहित किराये पर रहता था। आर्यन दूरस्थ शिक्षा से 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा था। वह तीन भाईयों में सबसे छोटा था।
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ऐसे हुआ पूरा घटनाक्रम
श्वेता के अनुसार आधी रात के बाद वह, बेटा हर्षित, परिवार की दो और महिलाएं व आर्यन वर्धमान माल के पास से मैगी खाकर लौट रहे थे। पीछे से कार सवार युवकों ने उन्हें रुकने का इशारा किया। बेटे हर्षित ने कार तेज गति से भगा दी।
उधर, बदमाशों ने गोली चलानी शुरू कर दी। हर्षित कार हाईवे पर ले आया। बदमाश भी पीछे लग गए। गदपुरी टोल को पार करते ही एक गोली हर्षित के बराबर में बैठे आर्यन के सिर में लगी। वह बेहोश हो गया। हर्षित ने कार रोक दी। बदमाशों ने आर्यन को एक और गोली मारी, लेकिन जब उसका चेहरा देखा तो बोले, यह तो कोई और है और भाग लिए।
शैंकी समझकर मारी गोली
पता लगा कि बदमाश उनके दूसरे बेटे शैंकी को मारने आए थे। क्योंकि कार शैंकी की थी। बदमाशों ने समझा कि कार में शैंकी बैठा है। 11 मई को एक नंबर की रहने वाले पुलकित भाटिया, योगेश व कई अन्य का उनके पड़ोसी करण शर्मा, यश शर्मा और अक्षय शर्मा के साथ झगड़ा हुआ था। इसमें उनके बेटे सहित करण शर्मा व अन्य पर मुकदमा दर्ज किया गया। इसलिए बदमाश शैंकी को मारना चाहते हैं।
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बड़ा सवाल, पुलिस कहां थी?
इस घटना ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बदमाश भीड़-भाड़ वाले इलाके से गोली चलाते हुए पलवल तक कार का पीछा करते रहे और वह भी हाईवे पर। ऐसे में कहीं भी पुलिस की नजर बदमाशों पर नहीं पड़ी।
यदि समय रहते पुलिस एक्टिव हो जाती तो आर्यन की जान बच सकती थी। वैसे भी विधानसभा चुनाव के चलते पुलिस को चौकन्ना रहना चाहिए था। हाईवे पर जगह-जगह नाके तो थे, लेकिन पुलिस नदारद थी।