पश्चिम बंगाल सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन दुष्कर्म विरोधी अपराजिता विधेयक को सदन में पेश किया। भाजपा विधायकों ने भी विधेयक का समर्थन किया। विधेयक में 10 दिनों में दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान है। इस विधेयक का अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) बिल 2024 नाम है।
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- आरजी कर घटना के बाद सरकार ने पेश किया विधेयक।
- भाजपा के विधायकों ने भी इस विधेयक का किया समर्थन।
- बिल में दुष्कर्मियों को त्वरित व सख्त सजा का है प्रावधान।
जागरण, कोलकाता। कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। विधानसभा के विशेष सत्र (Bengal Assembly news) के दूसरे दिन बंगाल सरकार ने दुष्कर्म विरोधी संशोधन विधेयक पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य पीड़ितों को न्याय और दुष्कर्म के दोषियों को त्वरित व सख्त सजा देना है।
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विधेयक में दुष्कर्म के दोषियों को 10 दिनों के अंदर मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है। दुष्कर्म विरोधी इस विधेयक का नाम अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) बिल 2024 है। राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा के विधायक भी इस विधेयक का समर्थन करेंगे। मंगलवार को ही सदन से पारित होने के बाद विधेयक राज्यपाल के पास भेज जाएगा।