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Ganesh Chaturthi 2024: 07 सितंबर को घर में विराजमान होंगे बप्पा, जानें मूर्ति स्थापना की सही विधि

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हिंदू मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) के विशेष अवसर पर घर में विधि-विधान पूर्वक गणपति जी की स्थापना करने से परिवार में सदैव सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। साथ ही इससे व्यक्ति के सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होने लगते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं गणेश जी की मूर्ति स्थापना की पूजा विधि।

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  1. देशभर में धूमधान में मनाया जाता है गणेश चतुर्थी का उत्सव।
  2. गणेश चतुर्थी पर घर में विराजमान किए जाते हैं गणपति।
  3. गणेश चतुर्थी पर विधि-विधान से करनी चाहिए मूर्ति स्थापना।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारतवर्ष में गणेश उत्सव की भारी धूम देखने को मिलती है। यह पर्व मुख्य रूप से बुद्धि का देवता यानी गणेश जी को समर्पित है। गणेश उत्सव 10 दिनों तक चलता है, जिनकी शुरुआत भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर होती है और समापन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि गणेश चतुर्थी पर आप किस प्रकार घर में गणेश जी की स्थापना (Ganesh Sthapana Vidhi 2024) कर सकते हैं।

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गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Ganpat Sthapana Muhurat Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि 06 सितंबर, 2024 से दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर शुरू होने जा रही है, जो 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी का पर्व शनिवार, 07 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन आप गणेश जी की पूजा इस मुहूर्त में कर सकते हैं –

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गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 03 से दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक

इस तरह करें मूर्ति स्थापना

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर गणेश जी का ध्यान करें। इसके बाद घर और मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई कर लें। गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने के लिए एक मंडप सजाएं। इसके लिए आप फूलों, रंगोली और दीपक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद कलश में गंगाजल, रोली, चावल, कुछ सिक्के और एक आम का पत्ता डालकर इसे मंडप में स्थापित करें। अब एक चौकी रखकर उसपर हरा कपड़ा बिछाएं और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।

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मूर्ति स्थापना के बाद तीन बार आचमन करें और इसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद मूर्ति के समक्ष दीपक जलाएं। साथ ही गणेश जी को वस्त्र, जनेऊ, चंदन, शमी के पत्ते, सुपारी, फल और पीले फूल आदि अर्पित करें। इसके साथ ही भगवान गणेश को 21 दूर्वा चढ़ाएं और उनके प्रिय भोग जैसे मोदक और लड्डू आदि अर्पित करें। पूजा के अंत में सभी सदस्य मिलकर गणेश जी की आरती करें और प्रसाद बांटें।

रखें इन बातों का ध्यान

गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने के लिए घर का उत्तर भाग सबसे उत्तम माना जाता है। इससे आपको बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। पूजा के बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए घर-परिवार की शुखहाली के लिए प्रार्थना करें। आप स्थापना के दौरान इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं, इससे आपको गणेश जी की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है –

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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