Teeth Whitening Oil Pulling: दांतों को चमकाने के लिए हाल के दिनों में ऑयल पुलिंग का चलन बढ़ा है. ऑयल पुलिंग का मतलब है तेल को मुंह में लेना और इसका कुल्ला करना. हालांकि भारत में इसका प्रयोग सदियों से हो रहा है. आपने कई बार बड़े-बुजुर्गों को देखें होंगे कि वे सरसो का तेल और नमक को मिलाकर इसे दांतों में घिसते थे. लेकिन जरा सोचिए, यदि आप तेल से कुल्ला कर लें और तुरंत में आपके दांत मोतियों की तरह चमकने लगे तो यह कितना अच्छा होगा. विज्ञान की मानें तो इस बात में दम है. खासकर ऑयल पुलिंग मुंह में छिपे जिद्दी बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीवों का भी सफाया कर सकता है.
कैसे दांतों को चमका देता है तेल
टीओआई की खबर के मुताबिक सबसे पहले तो ऑयल पुलिंग मुंह से असंख्य हानिकारक बैक्टीरिया को हटा देते हैं. जब आप मुंह में तेल लेते हैं तो इससे बैक्टीरिया का लिपिड लेयर है वह इसमें चिपक जाता है और कैविटी से बाहर निकल जाता है. इसी तरह अन्य जो सूक्ष्मजीव हैं वे भी तेल में चिपक कर मुंह में बाहर निकल जाते हैं और जब आप इस तेल के साथ थूक को बाहर फेंकते हैं तो ये सारे सूक्ष्मजीव मुंह से निकल जाते हैं. दांतों में छिपे स्ट्रेप्टोकॉकस बैक्टीरिया सबसे खतरनाक होता है क्योंकि यही दांतों में गंदगी भर देता है और इसी से दांतों में दाग-धब्बे लग जाते हैं. इससे दांतों का रंग बदरंग हो जाता है. ऑयल पुलिंग का कुछ दिन नियित रूप से इस्तेमाल दांतों की इस गंदगी को हटा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक अगर कोई लगातार दो सप्ताह तक नारियल तेल से इसकी सफाई करें या नारियल तेल से कुल्ला करें तो दांतों की गंदगी गायब हो सकती है और इससे दांतों में चमक आ सकती है.
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किस तेल से करें कुल्ला
रिसर्च के मुताबिक ऑयल पुलिंग दांतों में प्लैक और गिंगीवाइटिस को कम कर सकता है. जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च के मुताबिक तिल के तेल से कुल्ला करने पर वही असर होता है जो दवा क्लोरोहेक्साडाइन से होता है. हालांकि कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि कोकोनट ऑयल में लॉरिएक एसिड होता है जो कि एक प्रकार का फैटी एसिड है. फैटी एसिड एंटीमाइक्रोबियल होता है जो दांतों से हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है. नारियल के तेल के अलावा तिल का तेल और सूरजमुखी के तेल से भी कुल्ला करना फायदेमंद साबित हो सकता है.