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Exclusive: ‘हरियाणा का CM हमारी पार्टी का होगा,’ दुष्यंत चौटाला बोले; सूबे में बनेगी मिली-जुली सरकार

Haryana Assembly Polls 2024: हरियाणा विधानसभा का यह चुनाव बहुत ही रोचक और रोमांचक होने वाला है. दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि वह पिछले चुनाव से ज्यादा ताकत से इस चुनाव में उतरेंगे और दोगुने से ज्यादा सीटें जीत कर आएंगे.

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Haryana Assembly Polls 2024:  हरियाणा का ये विधानसभा चुनाव बहुत रोमांचक होने वाला है. अभी तो रण शुरू हुआ है. चुनाव में भले ही 27-28 दिन हैं लेकिन तेल की धार बता रही है कि यहां त्रिशंकू सरकार ही बनेगी. 12 सितंबर को नॉमिनेशन के बाद कौन कहां और क्या सब क्लियर हो जाएगा. किसी भी पार्टी को बहुमत मिलने नहीं जा रहा है. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर India.com ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (JJP) के प्रमुख दुष्यंत चौटाला से खास बातचीत की.

दुष्यंत ने बातचीत के दौरान कहा, ‘मैं ये नहीं कह रहा कि मैं हरियाणा का मुख्यमंत्री बनूंगा, लेकिन मैं ये जरूर कहना चाहता हूं कि सीएम हमारी पार्टी का होगा.’ उन्होंने कहा कि, ‘मैं अभी युवा हूं और हरियाणा को बदलने के विश्वास से भरा हूं.’ हालांकि उन्होंने इस बातचीत में हर तीखे सवाल को चुपचाप जाने दिया लेकिन वह यह कहने से नहीं चूके कि वो युवा हैं और अगले 45 साल तक देश को और हरियाणा को नई दिशा देंगे. देश युवा शक्ति की तरफ ध्यान से देख रहा है.

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‘अभी तो रण शुरू हुआ है’

वह कहते हैं कि चुनाव एक रण है और यह इसकी शुरुआत है. वह यह भी कहते हैं कि अभी तो रण शुरू हुआ है और रणबांकुरे अभी पूरी तरह से मैदान में आए भी नहीं हैं. वह 12 सितंबर का इंतजार कर रहे हैं. नॉमिनेशन की तारीख खत्म होते ही सभी राजनीतिक पार्टियों के नाम सामने आ जाएंगे. वैसे इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि हरियाणा विधानसभा का यह चुनाव बहुत ही रोचक और रोमांचक होने वाला है.

चौटाला कहते हैं कि वह पिछले चुनाव से ज्यादा ताकत से इस चुनाव में उतरेंगे और दोगुने से ज्यादा सीटें जीत कर आएंगे. कांग्रेस और आप पार्टी पर कटाक्ष करते हुए चौटाला कहते हैं कि ये पार्टी तो अलग ही मोड़ पर है जो एक दूसरे के साथ लड़ना भी चाह भी रही है और एक दूसरे को डरा भी रही है. हालांकि इस बातचीत के बाद तुरंत ही पता चला कि कांग्रेस और आप इस चुनाव में साथ नहीं लड़ रहे हैं.

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आजाद और JJP है विचारधाराओं का मिलन

दुष्यंत चौटाला, चंद्रशेखर आजाद के साथ गठबंधन को दो विचारधाराओं का मिलन बताया है. वो कहते हैं कि कांशीराम और देवीलाल की जोड़ी ने भी देश में क्रांति लाई और दिल्ली के वोट क्लब पर उन्होंने अपनी ताकत दिखाई थी. और 1990 में डॉ. आंबेडकर को भारत रत्न दिलाने की बात की थी और एवार्ड दिला कर ही दम लिया. अब समय आ गया है जब हम फिर से नया कीर्तिमान लिखेंगे. जेजेपी अध्यक्ष कहते हैं,’ चंद्रशेखर आजाद और मैं दोनों ही युवा हैं. हम दोनों 36 साल के हैं और हमारी दोनों की जोड़ी आनेवाले 45 साल तक देश के पॉलिटिकल सिनेरियो को फॉलो करेगी. युवाओं को शक्ति देने का काम जनता ने किया है. और युवा शक्ति है जो बदलाव लाती है.

हम जात बिरादरी में नहीं बटेंगे

हरियाणा में जात -पात के सवाल और दलित को साधने पर दुष्यंत कहते हैं कि, ’50 साल से कम उम्र के 50-60 फीसदी वोटर्स हैं उनका नेतृत्व हम करेंगे. वह यह भी कहते हैं कि जरूरत नहीं है हम जात विरादरी में बंटेंगें तभी कामयाब होंगे. लेकिन किसानों और पहलवानों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कहीं आपको नहीं मिलेगा कि हमने या हमारी पार्टी ने कोई स्टेटमेंट दिया हो. हमारे कार्यकर्ता लगातार प्रदर्शनकारियों के साथ थे. हमने किसानों के लिए काम किया है. किसानों के लिए काम करने की बात है तो हमने कहा था कि एमएसपी पर अगर आंच आएगी तो मैं रिजाइन कर दूंगा लेकिन हरियाणा में एमएसपी पर आंच नहीं आई. हमने किसानों की पेमेंट को ढाई महीने से घटाकर 48 घंटे किया. पहले किसानों की फसलें खराब हो जाती थीं हमने नियम बनाया अब 30 दिन के भीतर उन्हें मुआवजा मिलने लगा.

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विपक्ष में तो हाय हाय ही होती है
चौटाला बातचीत के दौरान अपने बड़े दादा छोटू लाल को याद करते हुए कहा कि काम तभी होते हैं जब आप सरकार में होते हैं विपक्ष में तो हाय हाय ही होती है.  किसानों से लगातार हो रहे विरोध पर चौटाला कहते हैं कि विरोध अपने ही करते हैं. हमारा विरोध तमिलनाडु का किसान तो करने नहीं आएगा. यही दो करोड़ लोग हैं जिनसे हम लड़ेंगे भी, गले भी लगेंगे और प्यार भी करेंगे. इन्हीं से ही राजनीति करनी है.

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किंग ब्रेकर और नॉन सीरियस पॉलिटिशियन
चाचा अभय चौटाला द्वारा किंग ब्रेकर कहे जाने पर चौटाला कहते हैं कि वह अपने चाचा अभय को सीरियस पॉलिटिशियन नहीं मानते हैं. वह कहते हैं कि छह साल पहले उन्होंने ही हमें पार्टी से निकाला था और हमने पीछे पलट कर नहीं देखा. जिस जगह हमने पार्टी छोड़ी थी और विधायक छोड़े थे अब देखिए इनेलो में अकेले वो ही विधायक रह गए हैं.

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