मशीनों के बेड़े में रेल फीडर कारें, ट्रैक स्लैब बिछाने और सीएएम बिछाने वाली कारें शामिल हैं। जापानी शिंकानसेन ट्रैक सिस्टम को समझाने के लिए भारतीय इंजीनियरों के लिए प्रशिक्षण कोर्स आयोजित किए गए हैं।
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नेशनल हाई स्पीड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बताया कि उन्हें अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 35000 मीट्रिक टन से अधिक रेल और ट्रैक निर्माण मशीनरी के चार सेट मिले। उन्होंने एक विज्ञप्ति के जरिए इसी जानकारी दी। 200 मीटर लंबे पैनल बनाने के लिए रेल की फ्लैश बट वेल्डिंग प्रक्रिया वायडक्ट पर शुरू हो गई है। 508 किमी हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण अहमदाबाद और मुंबई के बीच किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन परियोजना में जे-स्लैब होगा जो जापानी शिंकानसेन ट्रैक सिस्टम पर आधारित होगा। पहली बार इस सिस्टम को भारत में इस्तेमाल किया जा रहा है।
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मशीनों के बेड़े में रेल फीडर कारें, ट्रैक स्लैब बिछाने और सीएएम बिछाने वाली कारें शामिल हैं। जापानी शिंकानसेन ट्रैक सिस्टम को समझाने के लिए भारतीय इंजीनियरों के लिए प्रशिक्षण कोर्स आयोजित किए गए हैं। 200 मीटर पैनल बनाने के लिए फ्लैश बट वेल्डिंग मशीन (एफबीडब्ल्यूएम) का उपयोग करके वेल्ड किया जाएगा। अब तक तीन एफबीडब्ल्यूएम खरीदे जा चुके हैं। रेल वेल्ड फिनिशिंग का परीक्षण भी पूरा हो चुका है।
प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब को वायडक्ट पर उठाया जाता है। इसे विशेष रूप से डिजाइन किए गए वैगनों पर लोड कर ट्रैक बिछाने वाले स्थान पर ले जाया जाता है। टीएसएलसी का उपयोग करते हुए ट्रैक स्लैब को ट्रैक बेड पर रखा जाता है। स्लैब बिछाने के लिए चार टीएसएलसी की व्यवस्था की गई है। पैनलों को रेल फीडर कार से ट्रैक बेड पर ले जाया और फैलाया जाता है। ये कारें रेल को ट्रैक बेड पर धकेलती है। इसके लिए एक अस्थायी ट्रैक बिछाया जाता है।