All for Joomla All for Webmasters
जम्मू और कश्मीर

J&K Election: जम्मू-कश्मीर में आधी आबादी फिर से दरकिनार, महिलाओं को प्रत्याशी बनाने का साहस नहीं दिखा सके बड़े दल

जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। जम्मू जिले की चार विधानसभा सीटों पर कुल सात महिला उम्मीदवार मैदान में उतरी हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 5 लाख से अधिक होने के बावजूद किसी भी बड़े राजनीतिक दल ने महिलाओं को टिकट नहीं दिया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में वोटिंग होना है।

ये भी पढ़ें– Gold Price Today: हफ्ते भर में ₹2000 महंगा हुआ सोना, आपके शहर में किस हाई पर है रेट; लिस्ट से करें चेक

  1. भाजपा-कांग्रेस या नेकां-पीडीपी जैसे दलों ने नहीं बनाया उम्मीदवार।
  2. जम्मू जिले में महिला मतदाताओं की आबादी आधी।
  3. जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों पर तीन चरणों में होंगे चुनाव।

ललित कुमार, जम्मू। जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आधी आबादी फिर से दरकिनार कर दी गई है। सभी राजनीतिक दल महिलाओं को बराबरी का हक देने और उनके लिए एक तिहाई सीटें सदन में आरक्षित करने की वकालत करते हैं, लेकिन उनको टिकट देने के लिए कोई तैयार नहीं। विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में पहली अक्टूबर को जम्मू जिले की 11 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है, जिसके लिए वीरवार को नामांकन पत्र दायर करने की अवधि समाप्त हो गई।

जम्मू में 5 लाख से अधिक महिला मतदाताओं की संख्या

जम्मू जिले में कुल 11 लाख 96 हजार 153 मतदाता हैं, जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या पांच लाख 79 हजार 273 है। इसके बावजूद किसी भी राष्ट्रीय या स्थानीय बड़े राजनीतिक दल ने जिले में महिला को अपना उम्मीदवार बनाने का साहस नहीं किया। यही वजह है कि चुनाव मैदान में महिला उम्मीदवारों की संख्या बहुत कम है।

ये भी पढ़ें:- Western Carriers IPO Price: वेस्टर्न कैरियर्स इंडिया का आईपीओ हुआ ओपन, पैसा लगाने से पहले जानिए सबकुछ

समाज में महिलाओं की आबादी पचास प्रतिशत के करीब है। महिलाओं को राजनीति में पर्याप्त स्थान मिलना ही चाहिए। प्रधानमंत्री ने बिल लाया है, जिसमें महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण हासिल होगा। रही बात जम्मू में चुनाव में महिलाओं को राजनीतिक प्रतिनिधत्व देने की तो यह पार्टी हाईकमान ही बता सकता है कि इसके पीछे क्या वजह रही।

पूर्णिमा शर्मा, भाजपा की वरिष्ठ नेता व पूर्व डिप्टी मेयर

मतदान करने में पुरुषों से आगे रही हैं महिलाएं

खास बात यह है कि महिलाएं मतदान करने में पुरुषों से आगे रही हैं। पिछले कुछ चुनावों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो ज्यादातर स्थानों पर वोट प्रतिशत में महिलाएं आगे दिखती हैं। इसके बावजूद भाजपा, कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय व नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जैसी जम्मू-कश्मीर की बड़ी पार्टियों ने जम्मू जिले में अपनी तरफ से कोई महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा।

ये भी पढ़ें:- Upcoming IPO : 7 इश्‍यू होंगे लॉन्‍च, 13 लिस्टिंग, अगले सप्‍ताह आईपीओ बाजार में रहेगी खूब हलचल

महिलाओं को किसी बड़े दल ने नहीं दिए टिकट

जम्मू जिले की चार विधानसभा सीटों पर कुल सात महिला उम्मीदवार मैदान में उतरी हैं, जिनमें से तीन निर्दलीय हैं और चार महिला उम्मीदवार छोटे दलों से संबंधित हैं। नेशनल अवामी यूनाइटेड पार्टी (एनएयूपी) और शिवसेना (ठाकरे) ने जम्मू पश्चिम, अपनी पार्टी ने जम्मू साउथ-आरएसपुरा सीट और नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी), इंडियन ने जम्मू नार्थ से अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू संभाग में तीन महिला नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। नेशनल कांफ्रेंस हमेशा ही महिलाओं को प्रतिनिधित्व देती रही हैं। मोदी सरकार ने महिलाओं के साथ झूठ बोला है। जो बिल 33 प्रतिशत आरक्षण का लाया है वो कब लागू होगा। उसका पता नहीं है। भाजपा ने कभी महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया।

विमला लुथरा, नेकां की वरिष्ठ महिला नेता व पूर्व विधायक

कांग्रेस ने हमेशा ही महिलाओं के साथ इंसाफ किया है। जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने महिला उम्मीदवारों को उतारा है। कांग्रेस ने ही महिलाओं को पंचायतों में प्रतिनिधित्व दिया था। मोदी सरकार का महिलाओं को 33 प्रतिशत राजनीतिक आरक्षण देने के बिल का कोई अता-पता नहीं है। यह बिल 2029 से लागू किए जाने की बात कही जा रही है। पहले परिसीमन होगा। कब लागू होगा पता नहीं।

इंदु पवार, कांग्रेस की जम्मू कश्मीर महिला विंग की पूर्व प्रधान व पूर्व विधायक

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top