ऑनलाइन गेमिंग, शिक्षा और विज्ञापन सेवाएं देने वाली कंपनियों के खिलाफ यह सख्ती इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) को पता चला है कि टैक्स हैवेन देशों में स्थित ऑनलाइन कसीनो के अलावा कुछ कंपनियां विदेशी वीपीएन और क्लाउड आधारित मंचों के जरिये संचालित हो रही हैं। ये कंपनियां विभिन्न तरीकों से कर चोरी को अंजाम दे रही हैं।
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जीएसटी की जांच इकाई डीजीजीआई ने ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन शिक्षा और विज्ञापन जैसी सेवाओं में कर चोरी रोकने के लिए सूचना साझा करने व प्रवर्तन उपायों के साथ इन कंपनियों की वेबसाइट को ब्लॉक करने का सुझाव दिया है। इसके लिए विदेशी सरकारों के साथ पारस्परिक व्यवस्था बनानी होगी।
ऑनलाइन गेमिंग, शिक्षा और विज्ञापन सेवाएं देने वाली कंपनियों के खिलाफ यह सख्ती इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) को पता चला है कि टैक्स हैवेन देशों में स्थित ऑनलाइन कसीनो के अलावा कुछ कंपनियां विदेशी वीपीएन और क्लाउड आधारित मंचों के जरिये संचालित हो रही हैं। ये कंपनियां विभिन्न तरीकों से कर चोरी को अंजाम दे रही हैं।
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विदेशी कंपनियों से वसूली चुनौती
डीजीजीआई का कहना है कि इन कंपनियों का रवैया सहयोगपूर्ण नहीं होता है। कर चोरी के लिए ये कंपनियां जानबूझकर नियमों के अनुपालन से परहेज करती हैं, जिन पर कार्रवाई करनी जरूरी है। ऐसे में वैश्विक कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ इन कंपनियों के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान किसी भी कर चोरी पर लगाम लगाने में मदद करेगा।
डीजीजीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा, ओआईडीएआर सेवा प्रदाताओं के विदेश में स्थित होने से जीएसटी वसूली बड़ी चुनौती बन जाती है, जबकि इसमें राजस्व की अपार संभावनाएं हैं।
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- फिलहाल ओआईडीएआर सेवाएं देने वाली 574 विदेशी कंपनियों ने जीएसटी विभाग के साथ पंजीकरण कराया है।
- इस क्षेत्र से सालाना राजस्व बढ़कर 2023-24 में 2,675 करोड़ रुपये पहुंच गया है, जो 2017-18 में सिर्फ 80 करोड़ रुपये था।
ओआईडीएआर सेवाओं के लिए कर भुगतान करना जरूरी
ऑनलाइन सूचना एवं डाटाबेस पहुंच या रिट्रिवल (ओआईडीएआर) सेवाओं के दायरे में वे सेवाएं आती हैं, जो इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर वितरित की जाती हैं और जिनकी आपूर्ति सूचना प्रौद्योगिकी के बिना संभव नहीं है। इनमें क्लाउड सेवाएं, डिजिटल सामग्री, ऑनलाइन गेमिंग और ऑनलाइन विज्ञापन जैसी सेवाओं की शृंखला शामिल है।
- ऐसी सेवाएं विदेशी इकाई की ओर से किसी गैर-करयोग्य प्राप्तकर्ता को मुहैया कराई जाती हैं, तो आपूर्तिकर्ता पंजीकरण प्राप्त करने व उस पर जीएसटी चुकाने के लिए उत्तरदायी होता है।
2023-24 में पकड़ी गई 2.01 लाख करोड़ की जीएसटी चोरी
डीजीजीआई ने 2023-24 में 2.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी से जुड़े 6,084 मामले पकड़े हैं। यह राशि 2022-23 के दौरान 4,872 मामलों में पकड़ी गई 1.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी से दोगुनी है। डीजीजीआई ने रिपोर्ट में कहा, 2023-24 के दौरान ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में 78 मामलों में 81,875 करोड़ रुपये की अधिकतम कर चोरी पाई गई। इसके बाद बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं व बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र में 171 मामलों में 18,961 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी गई।
- जीएसटी चोरी के 46 फीसदी मामले कर नहीं चुकाने से जुड़े हैं। 20 फीसदी मामले फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट से संबंधित हैं।