मंगलवार को दिल्ली में हुई विधायक दल की बैठक में ये फैसला लिया गया कि आगामी विधानसभा चुनाव तक आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री रखेंगी. ऐसे में अब लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अरविंद केजरीवाल को मिलने वाली सुख-सुविधाएं अब उन्हें नहीं मिलेंगी.
New CM Delhi: रविवार (15 सितंबर) को अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था. साथ ही कहा था कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें नहीं चुनेगी, तब तक वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. अरविंद केजरीवाल के इस ऐलान के बाद मंगलवार को विधायक दल की बैठक ने आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुना. इसके बाद शाम करीब 4 बजे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
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दिल्ली में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो जाएगा. जिसके बाद यहां विधानसभा चुनाव होंगे.बता दें कि आतिशी की गिनती उन लोगों में होती है जो कि अरविंद केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद लोग हैं. साल 2020 में आतिशी को पहली बार विधायक चुना गया था. तब उन्हें आप सरकार में मंत्री पद भी नहीं मिला था. लेकिन पिछले साल ही आतिशी की आप कैबिनेट में एंट्री हुई. इसका सबसे बड़ा कारण है कि शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया जेल चले गए थे. हालांकि अब आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. वहीं अब अरविंद केजरीवाल महज विधायक बनकर रह गए हैं.
अब जबकि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम नहीं रहे तो लोगों के मन में सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या अब अरविंद केजरीवाल को मिलने वाली सुख-सुविधाएं उन्हें नहीं मिलेंगी. क्या उनकी सैलरी कम हो जाएगी. ऐसे कई सवाल लोग जानना चाहते हैं. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि सीएम पद से हटने के बाद अरविंद केजरीवाल की जिंदगी पर क्या कुछ असर पड़ेगा.
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अरविंद केजरीवाल की जिंदगी में क्या अंतर आएगा?
सीएम पद से हटने के बाद अरविंद केजरीवाल को मिलने वाली सैलरी और भत्ते भी कम हो जाएंगे. इसके साथ उनको मिलने वाली सुख- सुविधाओं में भी कटौती आएगी.
दिल्ली में पिछले साल ही विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री की सैलरी-भत्ते में बढ़ोतरी की गई है. जो कि 12 साल बाद हुई थी. विधायकों की सैलरी 66% और मंत्रियों-मुख्यमंत्री की सैलरी 136% तक बढ़ाई गई है. दिल्ली के विधायकों की महीनेभर की बेसिक सैलरी 30 हजार रुपये है. जो कि पहले 12 हजार थी. जबकि, मंत्रियों और मुख्यमंत्री की बेसिक सैलरी अब 60 हजार रुपये है, जो पहले 30 हजार रुपये थी.
मंत्रियों और मुख्यमंत्री को हर महीने सैलरी और भत्ते मिलाकर 72 हजार रुपये की बजाय अब 1.70 लाख रुपये मिलते हैं. जबकि, विधायकों को हर महीने सैलरी और भत्ते मिलाकर 90 हजार रुपये मिलते हैं.
यानी कि अब अरविंद केजरीवाल को 1 लाख 70 हजार रुपये की जगह हर महीने90 हजार रुपये ही मिलेंगे. उन्हें डेली अलाउंस भी नहीं मिलेगा. सीधा-सीधा मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उनको हर महीने वाली सैलरी और भत्ते लगभग आधे हो जाएंगे.
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केवल 8 लाख का लोन ले पाएंगे अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में 12 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं.वहीं विधायकों को 8 लाख रुपये तक का लोन ही मिलता है.ऐसे में अब अरविंद केजरीवाल भाी 8 लाख तक का ही लोन ले सकेंगे. इसके अलावा वो बाकी विधायकों के जैसे हर महीने 4 हजार रुपये तक का बिजली -पानी फ्री में इस्तेमाल कर सकेंगे.