पीएम आशा स्कीम किसानों को दालों और तिलहन की खरीद के लिए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का आश्वासन देती है, जिससे उनकी आय में सुधार होता है और आर्थिक सुरक्षा मिलती है.
आज की कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आशा स्कीम (PM Aasha Scheme) पर एक बड़ा फैसला लिया जा सकता है. यह योजना किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रही है और इसके दायरे को बढ़ाने की संभावना है.
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क्या है पीएम आशा स्कीम?
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत, पीएम आशा स्कीम का उद्देश्य दालों और तिलहन की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदना है. 2018 से यह योजना लागू है, जिसके माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करती है कि यदि दालों या तिलहन की फसल का बाजार मूल्य MSP से कम होता है, तो किसानों को इस अंतर की भरपाई की जाती है.
तीन मुख्य घटक
पीएम आशा स्कीम के तीन प्रमुख घटक हैं:
मूल्य समर्थन योजना (PSS): यह योजना दालों और खोपरा की खरीद के लिए है.
मूल्य कमी भुगतान योजना (PDPS): यह योजना किसानों को MSP के तहत अतिरिक्त लाभ प्रदान करती है.
पायलट प्राइवेट खरीद और स्टॉकिस्ट योजना (PPPS): यह योजना निजी स्टॉकिस्ट की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है.
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किसानों के लिए लाभ
यह स्कीम किसानों को उनके उत्पादन पर सुरक्षित न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करती है. यह योजना उनके आर्थिक विकास में सहायक है और उन्हें बाजार की अस्थिरता से बचाती है. MSP के माध्यम से, किसानों को एक निश्चित आय का आश्वासन मिलता है, जो उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है.
योजना का कार्यान्वयन
पीएम आशा स्कीम के अंतर्गत, राज्यों को विशेष तिलहन फसलों के लिए PSS या PPPS में से किसी एक योजना को लागू करने का विकल्प दिया गया है. इसके तहत, केवल एक ही योजना (PSS या PDPS) एक राज्य में लागू की जा सकती है. इसके अतिरिक्त, निजी स्टॉकिस्ट की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया गया है.
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उत्पादन लागत पर रिटर्न
इस योजना के अंतर्गत, गेहूं, धान, और मोटे अनाज की खरीद मौजूदा सरकारी योजनाओं के तहत की जाती है. यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को उनकी उत्पादन लागत के ऊपर पर्याप्त लाभ मिले, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आशा स्कीम किसानों की आय में सुधार और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. आज की बैठक में यदि इस योजना के दायरे को बढ़ाने का निर्णय लिया जाता है, तो यह किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगा.