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इसरो की लॉटरी, चंद्रयान-4 के साथ तीन बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी, अब सीधे NASA को चुनौती!

पीएम मोदी की कैबिनेट ने बुधवार को इसरो से जुड़े तमाम प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी. इन मंजूरियों के बाद इसरो अंतरिक्ष में अब सीधे अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और चीन को चुनौती पेश करेगा.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की एक बैठक में इसरो से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई. इसमें चंद्रयान-4, शुक्र मिशन, इंडियन स्पेस स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान विकसित करने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं. इसरो पहले ही चांद पर अपने तीन मिशन भेज चुका है. चंद्रयान तीन ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक एक लैंडर और रोवर को उतारा था. इसके साथ ही कैबिनेट ने शुक्र मिशन को भी मंजूरी दे दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसरो से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई. इसमें चंद्रयान-4, शुक्र मिशन, इंडियन स्पेस स्टेशन और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान विकसित करने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसरो इन पर काम शुरू कर देगा. ये प्रोजेक्ट बहुत अहम और बड़े हैं.

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क्या करेगा चंद्रयान-4
इसरो पहले ही चांद पर अपने तीन मिशन भेज चुका है. चंद्रयान तीन ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक एक लैंडर और रोवर को उतारा था. इसके साथ ही कैबिनेट ने शुक्र मिशन को भी मंजूरी दे दी है. इसरो पहले से ही मंगल मिशन पर काम कर रहा है. इसके साथ गगनयान मिशन को भी मंजूरी दी गई है. गगनयान के जरिए भारत अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना पर काम कर रहा है.

चंद्रयान-4 मिशन के जरिए चांद पर उतरने पर वापस धरती पर लौटने की तकनीक को विकसित करने और उसे दुनिया को दिखाने की योजना है. इसी तरह शुक्र मिशन का लक्ष्य उसके वायुमंडल को समझना है. इसके लिए इसरो वेनस ऑरबिटर मिशन पर काम कर रहा है. इससे शुक्र ग्रह के बारे में समझने में काफी मदद मिलेगी.

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मोदी सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) बनाने को मंजूरी दे दी है. अभी अंतरिक्ष में दो स्पेश स्टेशन हैं. एक अमेरिका के नेतृत्व वाला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन है. यहां दुनिया के तमाम वैज्ञानिक पहुंचकर अपना शोध कार्य करते हैं. दूसरा स्टेशन चीन का है. बीएएस का पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च किए जाने की संभावना है.

गगनयान मिशन
इसरो पहले ही गगनयान मिशन पर काम कर रहा है. इसके तहत अंतरिक्षयात्रियों को स्पेश में भेजने की तैयारी है. इस मिशन के लिए अंतरिक्षयात्रियों का चयन हो चुका है. उनकी ट्रेंनिंग भी शुरू हो गई है. इन प्रोजेक्ट्स को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसरो की उड़ान को और बल मिलेगा. इसरो इस वक्त दुनिया की एक सबसे भरोसेमंद अंतरिक्ष एजेंसी बन चुकी है. वह कई प्रोजेक्ट्स अमेरिकी एजेंसी नासा के साथ मिलकर कर रहा है. दुनिया के तमाम देशों के सैटेलाइट अंतरिक्ष में पहुंचा रहा है.

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