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बांग्लादेश की तिजोरी खाली, भारतीय कंपनियों का कर्ज चुकाने में फेल; मंडरा रहा आर्थिक संकट

पाकिस्तान की ही तरह अब पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश का भी खजाना खाली हो रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि बांग्लादेश के ऊपर इस वक्त भारतीय बिजली कंपनियों का 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज है। इन कर्ज को चुकाने में अब बांग्लादेश को परेशानियों का सामना कर रहा है। इसकी वजह है बांग्लादेश में विदेश मुद्रा भंडार की कमी बताई जा रही है। इस मुद्दे से जुड़े दस्तावेजों और मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है।

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बांग्लादेश पिछले साल से महंगे ईंधन और वस्तुओं के आयात के कारण अपने बिलों का भुगतान करने में संघर्ष कर रहा है। इस स्थिति को यूक्रेन में 2022 में शुरू हुए युद्ध ने और भी बिगाड़ दिया है। इसी बीच अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरने से राजनीतिक उथल-पुथल ने भी हालात को और पेचीदा बना दिया है।

बांग्लादेश को अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से तुरंत 5 बिलियन डॉलर की मदद की दरकार है। इस बीच, उसके केंद्रीय बैंक ने बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए प्रमुख ब्याज दरें भी बढ़ा दी हैं। पिछले साल बांग्लादेश ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमसी) से 4.7 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज की भी मांग की थी।

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डॉन की रिपोर्ट की मानें तो बांग्लादेश पावर डेवेलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि भुगतान चुकाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन डॉलर संकट ने इस प्रक्रिया को बहुत जटिल बना दिया है। भारतीय बिजली कंपनियों में से सबसे ज्यादा 800 मिलियन डॉलर का बकाया अडानी पावर को चुकाना है। हालांकि, अडानी पावर ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पीटीसी इंडिया और SEIL एनर्जी इंडिया लिमिटेड ने बकाया राशि की वसूली के लिए बीपीडीबी को लिखित अनुरोध भेजा है। दस्तावेजों के मुताबिक, पीटीसी इंडिया को लगभग 80 मिलियन डॉलर और SEIL को 190 मिलियन डॉलर की रकम चुकानी है।

पीटीसी इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि 2013 से बीपीडीबी को बिजली की आपूर्ति के साथ उनका लंबा संबंध रहा है और मौजूदा अनुबंध के तहत 2022 से बिजली की आपूर्ति हो रही है। वहीं, SEIL ने बांग्लादेश के अधिकारियों को बकाए की असहनीय स्थिति से अवगत कराया है।

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बांग्लादेश, जो अपनी 20% बिजली भारत से आयात करता है, पिछले आठ से नौ महीने से बिजली का भुगतान नहीं कर पाया है। SEIL को 2018 में 15 साल के अनुबंध के तहत बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति करने का ठेका मिला था। SEIL ने एक बयान में कहा कि वे बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति जारी रख रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि संबंधित अधिकारी अपने अनुबंधीय शर्तों का पालन करेंगे और भुगतान में तेजी लाएंगे, ताकि बिजली आपूर्ति बनी रह सके।

दस्तावेजों के अनुसार, SEIL और पीटीसी इंडिया के पास बांग्लादेश के साथ अपने बिजली अनुबंधों के संबंध में 34.1 मिलियन डॉलर और 30.7 मिलियन डॉलर की बैंक गारंटी है। बांग्लादेश की रुपाली बैंक अब लगभग 270 मिलियन डॉलर की रकम का भुगतान करने के लिए डॉलर की व्यवस्था करने की कोशिश कर रही है, ताकि भारतीय कंपनियां उनकी बैंक गारंटी कैश न करें। रुपाली बैंक और बीपीडीबी ने मिलकर बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक से अमेरिकी डॉलर प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि विदेशी मुद्रा में बिजली के बिलों का भुगतान किया जा सके।

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