All for Joomla All for Webmasters
जम्मू और कश्मीर

Jammu Kashmir Election के लिए केंद्र सरकार ने 16 देशों को भेजा आमंत्रण, चुनाव प्रक्रिया का जायजा लेंगे राजनयिक

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Assembly Election 2024) प्रक्रिया का जायजा लेने के लिए कई देशों के राजनयिक दौरे पर आ रहे हैं। यह पहली बार है जब भारत सरकार ने विदेशी राजनयिकों को चुनाव प्रक्रिया का स्वयं जायजा लेने के लिए आमंत्रित किया है। इस दौरे को भारत की नीतियों में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

ये भी पढ़ें– DDA E-Auction : द्वारका हाउसिंग स्‍कीम के फ्लैटों की कल होगी नीलामी, नोट कर लें टाइमिंग

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। विभिन्न देशों के राजनयिक यहां विधानसभा चुनाव प्रक्रिया का जायजा लेने आ रहे हैं। यह पहला अवसर है जब केंद्र सरकार ने विदेशी राजनयिकों को चुनाव प्रक्रिया का स्वयं जायजा लेने के लिए आमंत्रित किया है।

हालांकि, आधिकारिक तौर पर प्रदेश प्रशासन ने इस प्रस्तावित दौरे की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि यह दौरा 24-25 सितंबर को हो सकता है। उल्लेखनीय है कि दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को होने जा रहा है।

दूसरे चरण में श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, रियासी, राजौरी और पुंछ समेत सात जिलों में फैले 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। पहले चरण में 18 सितंबर को 24 सीटों के लिए 61 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था।

चुनाव प्रक्रिया के शुरू होने से पहले अगस्त में जर्मनी और अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिकों ने श्रीनगर का दौरा कर नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स कान्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन समेत विभिन्न राजनीतिकों से मुलाकात की थी।

ये भी पढ़ें– UPI Fees: अगर बढ़ी ट्रांजैक्शन फीस तो यूजर्स का UPI से होगा मोहभंग,इस्तेमाल करने वालों की संख्या हो जाएगी धड़ाम

बड़े बदलाव के संकेत

अब विदेशी राजनयिकों को कश्मीर की यात्रा के लिए आमंत्रित किया जाना भारत की नीतियों में एक बड़े बदलाव का संकेत है। इससे पूर्व जब कभी भी विदेशी राजनयिकों ने चुनाव के समय प्रदेश का दौरा करने या चुनाव प्रक्रिया का जायजा लेने की इच्छा जताई थी, उसे भारत सरकार टाल देती थी।

सूत्रों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में 35 वर्ष में पहली बार किसी भी स्तर पर चुनाव बहिष्कार नहीं हो रहा है। लोग भयमुक्त वातावरण में चुनावी प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी देर रात तक प्रचार कर रहे हैं।

इससे उत्साहित होकर ही विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी, यूरोपीय और दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के राजनयिकों को जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया का जायजा लेने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने बताया कि आमंत्रित राजनयिकों में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, सिंगापुर, फिलीपींस और मलेशिया के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

ये भी पढ़ें– MSME Udyog Aadhar Card: बिना सिक्योरिटी के लाखों का लोन…बस होना चाहिए ये आधार कार्ड….जानिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन…किसको मिलेगा इसका लाभ?

अब तक 16 राजनायिकों ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। विदेश मंत्रालय प्रयास कर रहा है कि अगर विदेशी राजनयिक चाहें तो वे तीसरे चरण की मतदान प्रक्रिया के समय भी कश्मीर का दौरा कर सकते हैं। तीसरे चरण में एक अक्टूबर को उत्तर कश्मीर के तीन जिलों बारामुला, बांडीपोरा और कुपवाड़ा के अलावा जम्मू, कठुआ, सांबा और उधमपुर में मतदान होना है।

2020 में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने किया था कश्मीर का दौरा

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2020 में भी केंद्र सरकार के आग्रह पर विभिन्न देशों के राजदूतों और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने कश्मीर का दौरा कर पांच अगस्त, 2019 के फैसले के बाद कश्मीर में उत्पन्न हालात का जायजा लिया था।

कश्मीर मामलों के जानकार बशीर मंजर ने कहा मुझे इस दौरे की कोई पक्की जानकारी नहीं है। अगर यह दौरा होता है तो इसे भारत की नीतियों में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा सकता है। इसे हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के श्रीनगर में दिए भाषण के संदर्भ में भी देख सकते हैं।

ये भी पढ़ें– Petrol-Diesel Price: 23 सितंबर को पेट्रोल और डीजल की कीमतें बदली या नहीं…यहां जानें क्या है ताजा रिपोर्ट

उन्होंने कहा था कि दुनिया देख रही है कि जम्मू-कश्मीर के लोग भारतीय लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं। भारत सरकार दुनिया को बताएगी कि जम्मू कश्मीर की जनता ने पांच अगस्त, 2019 के फैसले को पूरी तरह स्वीकार कर लिया है।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top