किश्तवाड़ जिले के गोरों गांव ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान कर एक मिसाल कायम की है। बुनियादी सुविधाओं की कमी और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद गांव के सभी 65 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डीसी राजेश कुमार श्वान ने ग्रामीणों की इस अनुकरणीय भागीदारी की सराहना की और कहा कि यह अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।
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- इस गांव में नहीं है सड़क संपर्क और मोबाइल कनेक्टविटी की सुविधा।
- लोगों का उत्साह बढ़ाने दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर छह घंटे पैदल चले डीसी।
- गोरों गांव ने सौ प्रतिशत मतदान कर रच दिया इतिहास।
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़। कई बार सुनने में आता है कि किसी क्षेत्र में लोगों ने इसलिए चुनाव बहिष्कार कर दिया, क्योंकि कई वर्षों से उनकी कोई समस्या हल नहीं हुई है। इसी तरह ऐसे लोग भी होते हैं, जो चुनाव में अपने मन मुताबिक प्रत्याशी नहीं होने पर नोटा का बटन दबा देते हैं। इस तरह के लोगों के लिए इस विधानसभा चुनाव में किश्तवाड़ जिले के बेहद सुदूरवर्ती और बेहद पिछड़े गोरों गांव के मतदाताओं ने शत-प्रतिशत मतदान कर सीख देने का काम किया है।
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में किश्तवाड़ जिले के इंदरवाल विधानसभा क्षेत्र में 82.16 प्रतिशत मतदान हुआ, जो जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक था। इसके बाद पाडर-नागसेनी विधानसभा सीट रही, जहां 80.67 प्रतिशत मतदान हुआ था।
गोरों गांव में पंजीकृत हैं 65 मतदाता
किश्तवाड़ जिले के इंदरवाल विधानसभा क्षेत्र के दूरदराज इलाके में स्थित गांव गोरों में पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान हुआ था। यहां पंजीकृत सभी 65 मतदाताओं ने बूथ पर पहुंचकर मतदान किया। ऐसे में इस गांव में सौ प्रतिशत मतदान होने पर सोमवार को डीसी ने प्रशासन के अधिकारियों के साथ वहां पहुंचकर ग्रामीणों को बधाई दी।
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6 घंटे पैदल यात्रा कर गांव पहुंचे डीसी
इसके लिए जिले के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) राजेश कुमार श्वान ने गोरों गांव तक पहुंचने के लिए छह घंटे की कठिन पैदल यात्रा की। यहां पहुंचने के लिए डीसी के साथ प्रशासन की टीम को समुद्र तल से आठ हजार फीट ऊंचे पहाड़ को पार करना पड़ा।
इसके बाद एक और पहाड़ पर खड़ी चढ़ाई करने के बाद वे गोरों गांव पहुंचे। डीसी के साथ एसीडी फुलैल सिंह, तहसीलदार बोनजवाह इरशाद अहमद, एनएलएमटी रियाज अहमद बट और एक्सईएन पीडीडी अल्ताफ हुसैन के अलावा कई अन्य अधिकारी शामिल रहे।
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बुनियादी सुविधाओं के बावजूद लोगों ने किया मतदान
गोरों गांव इंदरवाल विधानसभा क्षेत्र के बोंजवाह ब्लाक में आता है। इस इलाके में बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है। सड़क संपर्क और मोबाइल कनेक्टिविटी के अभाव में यहां के लोगों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
इसके बावजूद गोरों गांव के लोगों ने विधानसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर भाग लिया। बीएलओ ने डीसी को बताया कि क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए गए थे। वहीं, डीसी ने कहा कि गोरों गांव में शत-प्रतिशत मतदान प्रदेश के अन्य गांवों के लोगों को भी प्रेरित करेगा।
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गोरों गांव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी अनुकरणीय
किश्तवाड़ जिले के इस दुर्गम इलाके में जब डीसी अधिकारियों के साथ पहुंचे तो ग्रामीणों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उन्होंने डीसी राजेश कुमार और उनकी टीम का जोरदार स्वागत किया और गांव में आने के लिए उनका आभार जताया।
वहीं, डीसी ने गोरों गांव में शत-प्रतिशत मतदान के लिए वहां के मतदाताओं की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी अनुकरणीय भागीदारी सभी को प्रेरित करेगी।
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पहली बार कोई डीसी पहुंचा गोरों गांव
गोरों गांव के लोगों का कहना था कि सुदूरवर्ती इलाके में स्थित उनके गांव में पहली बार कोई डीसी आया है। उन्होंने कहा कि वे अब हर चुनाव में इसी तरह बढ़-चढ़कर मतदान करेंगे। यहां से डीसी ने रास्ते में पड़ने वाले शिरोटी और नाकी गांवों का भी दौरा कर स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्यााएं सुनीं। डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन सुदूरवर्ती गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए वे प्रयास शुरू करें।