स्विगी का आईपीओ आने से पहले ही कंपनी के शेयरों में पंख लगे हुए हैं. यह शेयर केवल 2 महीनों में ही 40 फीसदी महंगा हो गया है. अनलिस्टेड मार्केट में चलने वाली ट्रेडिंग में इन शेयरों को खरीदा जा सकता है. यहां पूरी प्रक्रिया बताई गई है.
नई दिल्ली. स्विगी का आईपीओ (IPO) आने वाला है. बेंगलुरु की इस फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफार्म ने सेबी (SEBI) से आईपीओ के लिए मंजूरी प्राप्त कर ली है, और इससे उसके शेयरों की डिमांग काफी बढ़ गई है. इतनी कि पिछले 2 महीने में ही इसके शेयर 40 फीसदी चढ़ गए हैं. आप सोच रहे होंगे कि स्विगी का तो अभी तक आईपीओ भी नहीं आया, तो इसके शेयर कैसे चढ़ गए? फिलहाल अनलिस्टेड मार्केट में स्विगी के शेयर (Swiggy Share) ट्रेड हो रहे हैं और लोग इसमें खरीद बेच भी कर रहे हैं. अब सवाल आता है कि यदि आपको भी आईपीओ आने से पहले इसके शेयर खरीदने हैं तो कैसे खरीद सकते हैं? इसका जवाब भी देंगे, मगर पहले स्विगी के शेयरों के भाव के बारे में जानकारी दे देते हैं.
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फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफार्म स्विगी को आईपीओ (IPO) के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) से मंजूरी मिलने के बाद से ही खूब चर्चा में है. पिछले कुछ समय से इसकी प्रतिद्वंदी कंपनी जोमैटो के शेयरों में भी अच्छी खासी तेजी देखने को मिली थी. ऐसे में समझा जा रहा है कि स्विगी का शेयर भी लोगों के लिए मुनाफे का सौदा हो सकता है.
अप्रैल में आईपीओ के लिए शेयरधारकों की मंजूरी के बाद अनलिस्टेड मार्केट में स्विगी के शेयरों की भारी मांग देखी गई. शेयरों की कीमतों में तगड़ा उछाल आया है. इकॉनमिस्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से सितंबर तक कंपनी के शेयर लगभग 40% बढ़ गए हैं. पहले इसके शेयर करीब 355 रुपये पर थे, मगर बढ़कर लगभग 490 रुपये तक पहुंच गए हैं. इसके परिणामस्वरूप, स्विगी की मार्केट वैल्यू केवल दो महीनों में 70,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.
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आईपीओ से क्या अचीव करना चाहती है कंपनी
स्विगी आईपीओ के जरिए करीब 11,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें से 3,750 करोड़ रुपये की नई इक्विटी सेल और 6,664 करोड़ रुपये की ऑफर-फॉर-सेल (OFS) शामिल है. स्विगी के शेयरों की बढ़ती मांग का श्रेय कंपनी के शानदार प्रदर्शन को दिया जा सकता है. वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी का ऑपरेटिंग राजस्व 36% बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये हो गया और शुद्ध नुकसान 44% घटकर 2,350 करोड़ रुपये हो गया.
अनलिस्टेड मार्केट में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) जैसे शेयरों के होने के बावजूद स्विगी के शेयरों ने अपनी मजबूत स्थिति का प्रदर्शन किया है. निवेशक इसके लिस्ट होने से पहले ही इसे खरीद लेना चाहते हैं.
कैसे खरीदें अनलिस्टेड शेयर?
अनलिस्टेड शेयर खरीदने के लिए आपको कुछ खास स्टेप्स को फॉलो करना होगा, क्योंकि ये शेयर स्टॉक एक्सचेंज (जैसे BSE या NSE) पर उपलब्ध नहीं होते. सबसे पहले, आपको एक ब्रोकर या डीलर से संपर्क करना होगा, जो अनलिस्टेड शेयरों को खरीदने में आपकी मदद कर पाए. ये ब्रोकर निजी सौदों के जरिए शेयरों की खरीद-बिक्री में मदद करते हैं.
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इसके बाद, आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए, जिसमें ये शेयर रखे जाएंगे. आमतौर पर आपका ब्रोकर ही डीमैट अकाउंट भी खोलकर देता है. यदि डीमैट अकाउंट और ब्रोकर हैं, तो शेयर की कीमत और उपलब्धता का पता करें. यह जानकारी ब्रोकर ही देता है. अनलिस्टेड शेयरों की कीमतें बाजार में नियमित रूप से निर्धारित नहीं होतीं. एक बार जब आप कीमत और मात्रा पर सहमत हो जाते हैं, तो ब्रोकर के जरिए भुगतान किया जाता है और शेयर ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी होती है. इस दौरान, जिस व्यक्ति के पास पहले से शेयर हैं, वह बेचना चाहेगा तभी दूसरे के लिए उपलब्ध हो पाएगा.
ध्यान रखें कि अनलिस्टेड शेयरों में निवेश करते समय कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं का अच्छी तरह से विश्लेषण करना जरूरी है, क्योंकि ये शेयर अधिक जोखिम भरे होते हैं. अगर आप इन्हें बेचना चाहते हैं, तो दोबारा ब्रोकर या डीलर के माध्यम से ही बेचना होगा. टैक्स के मामले में दो साल से कम समय में बेचे जाने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स और दो साल से ज्यादा रखने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करना होगा.