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फ्लैट बुक कराते समय ही देना पड़ेगा स्‍टांप शुल्‍क, नए नियम से होगा घर खरीदारों को फायदा, पजेशन पर नहीं रुकेगी रजिस्‍ट्री

YEIDA New Rule For Group Housing Projects- YEIDA ने नए ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में फ्लैट बुक करते समय स्टांप ड्यूटी का भुगतान करने के लिए एक नया नियम लागू किया है. इस निर्णय का उद्देश्य खरीदारों के हितों की रक्षा करना और कानूनी विवादों को रोकना है.

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नई दिल्‍ली. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने नए ग्रुप हाउसिंग प्राजेक्‍ट्स के लिए एक अहम निर्णय लिया है. अब बिल्डर-बायर समझौते तभी मान्य माने जाएंगे जब स्टांप ड्यूटी का भुगतान किया जाएगा. यह फैसला गुरुवार को यीडा की बोर्ड बैठक में लिया गया. यह फैसला यमुना सिटी की सभी नई आवासीय परियोजनाओं पर लागू होगा. अब, नई प्रक्रिया के तहत, खरीदारों को फ्लैट बुकिंग के समय संपत्ति की लागत का 10% स्टांप शुल्क सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में अदा करना होगा.

इससे पहले, उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP-Rera) के नियमों के तहत भी यह प्रावधान किया गया था कि खरीदारों के पास फ्लैट पंजीकरण और स्टांप शुल्क का वैध प्रमाण होना अनिवार्य है. इस कदम का उद्देश्य घर खरीदारों को बिल्डरों द्वारा की जाने वाली मनमानी और संभावित विवादों से बचाना है.

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कानूनी रूप से मजबूत होगा समझौता
YEIDA के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि इस नियम के लागू होने के बाद, खरीदारों को फ्लैट बुकिंग के समय स्टांप शुल्क अदा करना होगा. यह सुनिश्चित करेगा कि बिल्डर-बायर समझौता कानूनी रूप से मजबूत हो और भविष्य में खरीदारों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. हालांकि, इससे शुरुआती निवेश में थोड़ा इजाफा होगा, लेकिन यह खरीदारों के हितों की रक्षा करेगा और उन्हें बिल्डरों द्वारा किए जा रहे किसी भी तरह के मनमाने बदलावों से बचाएगा.

सरकार को राजस्‍व का नहीं होगा नुकसान
इस नियम का उद्देश्य न केवल खरीदारों के हितों की रक्षा करना है, बल्कि सरकार को होने वाले राजस्व नुकसान को भी कम करना है. अक्सर बिना पंजीकृत समझौते के संपत्तियां कई खरीदारों को बेच दी जाती थीं, जिससे लंबे समय तक कानूनी विवाद चलते थे. इस कदम से इस प्रकार की गतिविधियों पर अंकुश लगेगा. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, जो औद्योगिक विकास आयुक्त भी हैं, ने इस महीने की शुरुआत में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण को यह निर्देश दिया था कि सभी संपत्ति समझौतों को पंजीकृत किया जाए ताकि सरकार को बिना पंजीकृत समझौतों से हो रहे राजस्व नुकसान से बचाया जा सके.

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बढ़ेगी खरीदारों की सुरक्षा
अब, नई प्रक्रिया के तहत, खरीदारों को फ्लैट बुकिंग के समय संपत्ति की लागत का 10% स्टांप शुल्क सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में अदा करना होगा. इससे खरीदारों को पंजीकृत समझौते के जरिए कानूनी सुरक्षा मिलेगी, जिससे वे किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बच सकेंगे.

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