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महिलाओं में कितना हीमोग्लोबिन होना चाहिए? कब पैदा हो जाती है एनीमिया की कंडीशन, डॉक्टर से समझें

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Normal Hemoglobin Level For Women: हीमोग्लोबिन की कमी महिलाओं में ज्यादा कॉमन है. इसकी कमी दूर करने के लिए आयरन से भरपूर फूड्स खाने चाहिए. अगर फिर भी हीमोग्लोबिन की कमी दूर न हो, तो डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं.

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Normal Hemoglobin Range in Women: हीमोग्लोबिन एक तरह का प्रोटीन होता है, जो हमारे खून में पाया जाता है. हीमोग्लोबिन हमारे खून के जरिए शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. अगर शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाए, तो इससे कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं. हीमोग्लोबिन की कमी महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा होती है. ऐसे में महिलाओं को इसे लेकर ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. आज डॉक्टर से जानेंगे कि महिलाओं के शरीर में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए और कब इसकी कमी से एनीमिया हो सकता है.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने News18 को बताया कि महिलाओं के शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर 12 से 16 ग्राम प्रति डेसीलीटर के बीच होना चाहिए. एज, लाइफस्टाइल और फिजिकल हेल्थ के अनुसार महिलाओं के हीमोग्लोबिन लेवल में थोड़ा बहुत बदलाव हो सकता है. महिलाओं में हीमोग्लोबिन का लेवल 12 ग्राम प्रति डेसीलीटर से कम हो जाए, तो शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं मिल पाती है. इससे कई गंभीर कंडीशन पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है. हीमोग्लोबिन की कमी एनीमिया कहा जाता है.

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कब पैदा हो जाती है एनीमिया की कंडीशन?

डॉक्टर रावत ने बताया कि एनीमिया की कंडीशन जब पैदा हो जाती है, जब खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है. महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी कॉमन है और इसकी वजह से महिलाएं अक्सर एनीमिया का शिकार हो जाती हैं. डाइट में पर्याप्त मात्रा में आयरन, विटामिन बी12, फोलिक एसिड और अन्य जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण एनीमिया की कंडीशन पैदा हो सकती है. प्रेग्नेंसी, पीरियड्स और ब्लीडिंग जैसी कंडीशंस महिलाओं में एनीमिया का रिस्क बढ़ा देती हैं. यही वजह है कि महिलाओं को अपने हीमोग्लोबिन को नॉर्मल बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए.

ये लक्षण नजर आएं, तो हो जाएं अलर्ट

हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो एनीमिया की कंडीशन होने पर महिलाओं को अत्यधिक थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सांस फूलना, सिरदर्द, त्वचा का पीला पड़ना और दिल की धड़कन तेज होने जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं. यह कंडीशन शरीर की फंक्शनिंग को प्रभावित करती है. अगर एनीमिया का समय पर इलाज न किया जाए, तो इससे जान को भी खतरा हो सकता है. प्रेग्नेंट महिलाओं में एनीमिया होने से गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास प्रभावित होता है. इससे कॉम्प्लिकेशन हो सकती हैं. प्रेग्नेंसी में महिलाओं को हीमोग्लोबिन लेवल चेक कराते रहना चाहिए.

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कैसे दूर करें हीमोग्लोबिन की कमी?

हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने के लिए महिलाएं अपनी डाइट में सुधार करें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं. हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने के लिए आयरन से भरपूर फूड्स जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, ताजा फल, चिकन, मीट और सीफूड का सेवन कर सकती हैं. संतरा, एवोकाडो और साबुत अनाज का खूब सेवन करें. अंडा और दूध पीने से भी हीमोग्लोबिन की कमी दूर की जा सकती है. आयरन को बेहतर तरीके से अब्जॉर्ब करने के लिए विटामिन C से भरपूर फूड्स जैसे- संतरा, टमाटर और नींबू का सेवन करें. अगर शरीर में आयरन की कमी गंभीर हो, तो डॉक्टर की सलाह पर आयरन सप्लीमेंट्स ले सकती हैं. सप्लीमेंट्स से आयरन की कमी जल्दी दूर हो सकती है.

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