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राजनीति

Jammu Kashmir Elections 2024: Exit Poll से उत्‍साहित कांग्रेस ने चला ‘पत्‍ता’, कश्‍मीर में कल से क्‍या बदलेगा?

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Jammu Kashmir Assembly Elections 2024: ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ में कहा गया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है. भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनाव में मिली 25 सीट की तुलना में इस बार थोड़ा अधिक सीट मिलने की उम्मीद है

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Jammu Kashmir Chunav: जम्‍मू-कश्‍मीर के Exit Poll के अनुमानों में कहा गया है कि कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस को बढ़त मिलने की संभावना है. राज्‍य कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने इसके बाद कहा कि अंतिम परिणाम कहीं ज्‍यादा बेहतर होंगे. उन्‍होंने कहा कि उनके गठबंधन को ‘‘स्पष्ट बहुमत’’ मिलेगा. इसके साथ ही जोड़ा कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए समान विचारधारा वाले दलों और व्यक्तियों के लिए दरवाजे खुले हैं.

शनिवार को आए ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ में कहा गया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है. भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनाव में मिली 25 सीट की तुलना में इस बार थोड़ा अधिक सीट मिलने की उम्मीद है, जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को इस बार 10 से भी कम सीट मिलने का अनुमान जताया गया है. पीडीपी को 10 साल पहले हुए चुनाव में 28 सीट मिली थीं. 

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख कर्रा ने कहा, “कांग्रेस-नेशनल कान्फ्रेंस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए सपष्ट बहुमत मिलेगा और अंतिम नतीजे ‘एग्जिट पोल’ में बताए गए आंकड़े से कहीं बेहतर होंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए समान विचारधारा वाले दलों और व्यक्तियों के लिए दरवाजे खुले रहेंगे.’’

उपराज्यपाल द्वारा पांच विधायकों के संभावित मनोनयन पर कर्रा ने कहा कि यह लोकतंत्र की मूल अवधारणा के विपरीत और लोगों के जनादेश को विफल करने के लिए “चुनाव परिणामों में हेराफेरी” के बराबर होगा. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी और भाजपा को उसके मंसूबों में सफल नहीं होने देगी, हालांकि वह सरकार गठन के लिये दावा करने के करीब भी नहीं होगी.’’

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कश्‍मीर में बदलाव?
राज्य में आने वाली सरकार के लिए केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा बहाल करना सबसे बड़ी परीक्षा होगी. केंद्र ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कामकाज के नियमों में संशोधन किया है, ताकि पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, तबादलों और पोस्टिंग से संबंधित सभी मामलों में एलजी की शक्तियों को अंतिम रूप से शामिल किया जा सके, और इस फैसले ने विधानसभा में पांच सदस्यों के नामांकन को भी मंजूरी दी है. अगर नतीजों के बाद गैर-भाजपा गठबंधन सत्ता में आता है, तो एलजी और नई सरकार के बीच अक्सर तकरार और तनाव की संभावना है.

यहां, देश विरोधी तत्व केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र के बीच दरार पैदा करने की कोशिश करेंगे. इतिहास में हम सबने देखा है कि कैसे राज्य में इन अलगाववादी और पाकिस्तान समर्थित तत्वों ने बेईमानी की है और जन भावनाओं का शोषण किया है. नई सरकार के लिए असली चुनौती यही है कि शांति और सुरक्षा की भावना बनाए रखें और घाटी को फिर से पाकिस्तान प्रायोजित जाल में न फंसने दें. 8 अक्टूबर के नतीजे जम्मू-कश्मीर के हालिया इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण होंगे.

(इनपुट: एजेंसियों के साथ)

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