All for Joomla All for Webmasters
लाइफस्टाइल

सावधान! मोबाइल-लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है आपकी हड्डियों को कमजोर, 5 तरीकों से करें बचाव

आजकल हर हाथ में स्मार्टफोन है बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के जंजाल (Excessive Screen Time) में फंसा हुआ है। बता दें लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है जिससे सिर्फ कमर दर्द ही नहीं बल्कि रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। आइए इस आर्टिकल में आपको इससे बचाव के तरीके बताते हैं।

ये भी पढ़ें:-  बस सिर्फ 7 रुपये जमा करें रोजाना, जिंदगीभर पाएं 60,000 रुपये पेंशन, सरकार देती है गारंटी

  1. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल करने से हमारी गर्दन आगे की ओर झुक जाती है।
  2. आज कई लोगों को नींद न आना, तनाव और चिंता जैसी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
  3. गैजेट्स का इस्तेमाल करते समय आंखों की सुरक्षा का ध्यान रखना भी काफी जरूरी है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल युग ने हमारे जीवन को कई तरह से बदल दिया है। स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स (Gadget Addiction) अब हर किसी की जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई इन गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहा है। सोशल मीडिया, गेमिंग और स्ट्रीमिंग सर्विस ने हमें इन गैजेट्स की ओर ज्यादा आकर्षित किया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका ज्यादा इस्तेमाल (Excessive Screen Time) आपकी सेहत के लिए कितनी बड़ी मुसीबत बन सकता है? खासतौर से 20 से 40 साल की उम्र के लोग जो दिन का ज्यादातर समय इन गैजेट्स के साथ ही बिताते हैं। बता दें, ऐसे लोगों में पीठ दर्द, गर्दन दर्द और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं (Weak Bones) तेजी से बढ़ रही हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि कैसे यह आदत आपकी हड्डियों को नुकसान पहुंचा रही है और इससे बचाव के लिए आप क्या-कुछ तरीके अपना सकते हैं।

ये भी पढ़ें:-  अब इस Bank से Loan लेना हुआ महंगा, बढ़ गए Interest Rates, जानिए क्या हो गईं नई ब्याज दरें

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और कमजोर हड्डियों का कनेक्शन

कई शोध बताते हैं कि 20 से 40 साल के लोगों में पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याओं में 50% का जबरदस्त इजाफा हुआ है, जिसका सीधा संबंध गैजेट्स के ज्यादा इस्तेमाल से है। जाहिर है, जितना ज्यादा हम डिजिटल डिवाइसों पर निर्भर हो रहे हैं, उतनी ही तेजी से हमारी रीढ़ की हड्डी पर भी असर पड़ रहा है। इस समस्या को नजरअंदाज करने से गर्दन में दर्द, कंधों में अकड़न, सिरदर्द और फिजिकल एक्टिविटी में कमी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। डॉक्टर भी यही बताते हैं कि अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीज मोबाइल-लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल के कारण गर्दन और पीठ दर्द से परेशान हैं।

ये भी पढ़ें:- IMD Rain Alert: बंगाल की खाड़ी से आ रहा चक्रवात, बंगाल से आंध्र तक प्रशासन अलर्ट, बिहार में भी दिखेगा असर

ज्यादा स्क्रीन टाइम से होने वाली समस्याएं

स्क्रीन के सामने लगातार घंटों बिताने से गर्दन में अकड़न, कंधों में दर्द और सिरदर्द जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। ट्रैवल करते समय मोबाइल का इस्तेमाल या काम के दौरान लैपटॉप पर झुककर बैठना, गलत मुद्रा में बैठना या लंबे समय तक एक ही पोजीशन में रहना पीठ दर्द का बड़ा कारण बन रहा है। जब हम गर्दन झुकाकर स्क्रीन देखते हैं, तो गर्दन, पीठ और रीढ़ की हड्डी पर जरूरत से ज्यादा दबाव पड़ता है। नॉर्मल पोजीशन में, गर्दन और पीठ सीधी होती हैं लेकिन लगातार झुकाव से रीढ़ की हड्डी पर तनाव पड़ता है।

ऐसे रखें रीढ़ की हड्डी का ख्याल

रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। नियमित रूप से वेटलिफ्टिंग, योग, मेडिटेशन, स्ट्रेचिंग और कार्डियो एक्सरसाइज करना चाहिए। इससे रीढ़ की हड्डी लचीली और मजबूत बनी रहती है। हमें लंबे समय तक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और बैठते समय आगे की ओर झुकने की आदत को छोड़ना चाहिए। सही मुद्रा में बैठना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही एक अच्छी क्वालिटी वाली कुर्सी का इस्तेमाल करके आप अपनी हड्डियों को स्वस्थ रख सकते हैं।

ये भी पढ़ें:- नोएडा वासियों के लिए खुशखबरी, गौर ग्रुप में कॉमर्शियल प्रोजेक्ट के लिए करेगा ₹4,000 करोड़ निवेश

ऑफिस जॉब और पीठ दर्द

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग ऑफिस में घंटों बैठकर काम करते हैं। लगातार एक ही मुद्रा में बैठे रहने से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं आम हो गई हैं। डॉक्टरों के अनुसार, 20 से 50 साल की उम्र के लोगों में पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याएं 50% तक बढ़ गई हैं। इसलिए, हमें काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेने चाहिए और अपनी बैठने की पोजीशन को सही रखना चाहिए। नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करना भी बहुत जरूरी है। इससे पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और दर्द से राहत मिलती है।

Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top