All for Joomla All for Webmasters
समाचार

जेवर एयरपोर्ट: लगा ऐसा सिस्टम जो घने कोहरे और बारिश को कर देगा बेअसर, आसानी से उतरेंगी फ्लाइट्स

jewar

Noida Airport News- आईएलएस और PAPI का कैलिब्रेशन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के परिचालन और सुरक्षा मानकों को और भी उन्नत बनाने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम है.

नई दिल्‍ली. नोएडा. नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे (NIA) ने सोमवार को इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) और प्रिसीजन एप्रोच पाथ इंडिकेटर (PAPI) की सफलतापूर्वक कैलिब्रेशन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के बीच किंग एयर 360ER विमान ने इस प्रक्रिया को 10 अक्टूबर को शुरू किया था और सोमवार को यह पूरी हो गई. आईएलएस और पीएपीआई नोएडा एयरपोर्ट पर कोहरे और बारिश जैसी विषम मौसमी परिस्थितियों में भी हवाई संचालन को बरकरार रखने में मदद करेगा.

ये भी पढ़ें:- Namo Drone Didi Scheme: ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ ने बदली ग्रामीणों की जिंदगी, ड्रोन पायलट बनकर घर चला रही महिलाएं

नोएडा एयरपोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के सहयोग से इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) और प्रिसीजन एप्रोच पाथ इंडिकेटर (PAPI) का कैलिब्रेशन पूरा किया है. इन दोनों ही सिस्‍टम का उद्देश्य हवाईअड्डे पर विमान संचालन के लिए उच्चतम सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना है. एनआईए ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर कहा, “AAI द्वारा डीजीसीए के सहयोग से की गई यह कैलिब्रेशन हमारे संचालन की तैयारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो विमान संचालन में सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करता है.”

ये भी पढ़ें:- गजब! दिल्ली से चोरी कार पर दिल बनाकर छोड़ गए चोर, उसमें लिखा कुछ ऐसा पुलिस भी हुई हैरान

साल के अंत तक परिचालन हो सकता है शुरू
आईएलएस और पीएपीआई की सफल कैलिब्रेशन के बाद, नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा अपने संचालन के एक महत्वपूर्ण चरण की ओर अग्रसर हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर 2021 को जेवर हवाईअड्डे की आधारशिला रखी थी. एयरपोर्ट पर साल के अंत तक संचालन शुरू होने की उम्मीद है. यह हवाईअड्डा दिल्‍ली के अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे से 72 किलोमीटर, नोएडा से 52 किलोमीटर, आगरा से 130 किलोमीटर और दादरी के मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

ये भी पढ़ें:- भारत ने अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदे, बढ़ेगी चीन-पाक की टेंशन, जानें ताकत

क्‍या है ILS और PAPI
इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम यानी ILS एक रेडियो नेविगेशन तकनीक है. यह पायलटों का कम दृश्यता वाली परिस्थितियों में एप्रोच और लैंडिंग के दौरान सटीक मार्गदर्शन करती है. आईएलएस दो मुख्य घटकों, लोकलाइजर और ग्लाइड पथ एंटीना से मिलकर बनी है. लोकलाइजर विमान को रनवे की केंद्र रेखा से संरेखित करने में मदद करता है, जबकि ग्लाइड पथ एंटीना ऊर्ध्वाधर मार्गदर्शन प्रदान करता है, जिससे विमान सुरक्षित रूप से रनवे पर लैंड कर सके.

प्रिसिजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर यानी PAPI एक लाइटिंग सिस्टम है, जो रनवे के किनारे स्थित होता है और पायलटों को उनके लैंडिंग कोण के बारे में सही दृश्य संकेत प्रदान करता है. यह विशेष रूप से अंतिम समय के दौरान पायलटों को सुरक्षित और सटीक लैंडिंग में मदद करता है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top