Bahraich Encounter: बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में 13 अक्टूबर को हुई साम्प्रदायिक हिंसा के पांच आरोपी गुरुवार दोपहर पुलिस से मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. मुठभेड़ में दो आरोपी घायल भी हुए हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार मुठभेड़ भारत-नेपाल सीमावर्ती नानपारा कोतवाली क्षेत्र में सरयू मुख्य नहर के निकट हाड़ा बसेहरी में हुई.
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प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि 13 अक्टूबर को महाराजगंज में रामगोपाल मिश्रा की हत्या मामले में बहराइच पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके नाम मोहम्मद फहीम, मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद और मोहम्मद अफजाल हैं.
पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया
पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि आज पकड़े गये आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे. ‘‘सरफराज उर्फ रिंकू और तालीम उर्फ सबलू को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उनकी निशानदेही पर पुलिस हत्या में इस्तेमाल हथियारों की बरामदगी के लिए गयी तो वहां हिंसा में इस्तेमाल की गयी ‘डबल बैरल’ बंदूक रखी थी. वहां एक और अवैध असलहा भी था.’’
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शुक्ला ने दावा किया, आरोपियों ने उसी ‘डबल बैरल’ बंदूक से पुलिस पर गोलियां चलायीं. आत्मरक्षा में पुलिस की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में सरफराज और तालीम को गोली लगी है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाकी तीन आरोपी अब्दुल हमीद, उसका बेटा फहीम तथा मोहम्मद अफजल को भी गिरफ्तार कर लिया है. इन सभी से पूछताछ के आधार पर अन्य आरोपियों की जानकारी जुटाकर उनकी गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है. जल्द ही वे भी पकड़े जाएंगे.
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पुलिस मुठभेड़ में दो आरोपियों को लगी गोली
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस घटना में संलिप्त सभी आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत और अन्य ठोस कार्रवाई जल्द अमल में लाई जाएगी. एक अन्य आरोपी राजा उर्फ साहिर उर्फ दानिश को बुधवार दोपहर उस समय धरदबोचा जब वह नेपाल भागने की कोशिश कर रहा था. पुलिस के अनुसार आज पकड़े गये पांच आरोपियों में से तीन अब्दुल हमीद, सरफराज और फहीम रविवार को दर्ज हत्या के मुकदमे में नामजद हैं जबकि तालीम और अफजाल के नाम जांच में सामने आए थे.
पुलिस ने बताया कि इस मुकदमे के अब तक 10 में से छह आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और बाकी चार आरोपियों की तलाश की जा रही है. मुठभेड़ में घायल सरफराज और तालिब को पहले नानपारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को बहराइच जिला अस्पताल रेफर किया गया. इनमें से एक के बाएं पैर में और दूसरे के दाएं पैर में चोट आई है. हालांकि, उनकी हालत खतरे से बाहर है. डॉक्टरों का कहना है कि गोली अब भी शरीर के अंदर है. दोनों को बहराइच के जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया है.
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दुर्गा विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा
दरअसल महसी तहसील के महाराजगंज क्षेत्र में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान एक प्रार्थना स्थल के बाहर तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर हिंसा भड़क गई थी और इस दौरान गोली लगने से 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी. घटना के बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई और गुस्साई भीड़ ने कई घरों, दुकानों, शोरूम, अस्पतालों और वाहनों को आग लगा दी.
इस बीच, बहराइच हिंसा में गोपाल मिश्रा पर गोली चलाने के आरोपी मकान मालिक अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार ने एक वीडियो में कहा, ‘‘बुधवार शाम चार बजे मेरे पिता अब्दुल हमीद, मेरे दो भाइयों सरफराज, फहीम और एक अन्य युवक को उत्तर प्रदेश पुलिस का विशेष कार्य बल पकड़कर ले गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पति और मेरे देवर को पहले ही पुलिस ले गई थी. किसी भी थाने से उनकी कोई खबर नहीं मिल रही है. हमें डर है कि वे मुठभेड़ में मारे जा सकते हैं.’’
सपा-कांग्रेस ने उठाए मुठभेड़ पर सवाल
पुलिस मुठभेड़ को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गयी है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस मुठभेड़ की वास्तविकता पर सवाल उठाए हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘सरकार ने प्रदेश की पुलिस को बिगाड़ दिया है. पुलिस का यही तरीका बन गया है, जब कभी जांच होगी तो बहुत से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी और वे जेल भी जाएंगे.’’
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उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी जिले का मामला है आप मुझसे बेहतर जानते होंगे कि यह घटना हुई नहीं है बल्कि कराई गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ‘‘इस मुठभेड़ और इससे पहले हुई अन्य मुठभेड़ों की प्रामाणिकता संदिग्ध है. ये मुठभेड़ लोगों का ध्यान भटकाने के लिए महज दिखावा लगती हैं.’’
भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट संदेश दिया है कि राज्य की कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. बहराइच हिंसा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त लोगों और दंगों की साजिश रचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस पर गोली चलाने वालों को परिणाम भुगतने होंगे. बहराइच की घटना में संलिप्त लोगों के लिए बेहतर होगा कि वे पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दें.
मुस्लिमों पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप
इस बीच, जमीयत उलमा-ए-हिंद ने बहराइच मामले में प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. संगठन के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बहराइच में हिंसा के बाद मुसलमानों पर एकतरफा कार्रवाई हो रही है. गांव में मुस्लिम युवकों की एकतरफा गिरफ्तारियां शुरू हो गई हैं, जबकि एक मुस्लिम के घर में घुसकर उसकी पिटाई करने और घर की छत पर भगवा झंडा फहराने वाले असली अपराधी उत्पात में लगे हुए हैं. पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, सिर्फ मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है.
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मदनी ने कहा कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए और गिरफ्तार किए गए निर्दोष लोगों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.