All for Joomla All for Webmasters
राजनीति

Maharashtra Chunav: न घर के, न घाट के… लगातार कमजोर पड़ रहे उद्धव ठाकरे, अब निपटाने पर तुली कांग्रेस!

Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र में इस बार का विधानसभा चुनाव शिवसेना ठाकरे गुट के लिए परीक्षा की घड़ी है. पार्टी में दोफाड़ होने के बाद वह और कमजोर हुई है. बीते लोकसभा चुनाव में भी उसे बहुत अच्छी सफलता नहीं मिली.

ये भी पढ़ें:- Jammu Kashmir Elections 2024: Exit Poll से उत्‍साहित कांग्रेस ने चला ‘पत्‍ता’, कश्‍मीर में कल से क्‍या बदलेगा?

Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां दिल्ली से मुंबई तक चरम पर है. एक तरफ महायुति में सीट बंटवारे को लेकर दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर पौने तीन बजे भोर तक मीटिंग चली. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गठबंधन के तीनों दलों के बीच सीटों की शेयरिंग का मसला सुलझा लिया गया है. दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी के भीतर सीट बंटवारे को लेकर शिवसेना और कांग्रेस के बीच तकरार सड़क पर आ गई है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले पर सीधा हमला बोला है. इसके जवाब में पटोले भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने संजय राउत को निशाने पर ले लिया.

खैर, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना लगातार अपना आधार खोते जा रही है. बीते लोकसभा चुनाव को ही देखते हैं. उस चुनाव में राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 21 पर शिवसेना ठाकरे गुट ने उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन, उसे केवल नौ सीटों पर जीत मिली. दूसरी तरफ गठबंधन में कांग्रेस को 17 और एनसीपी को 10 सीटें मिली थीं. यहां कांग्रेस और एनसीपी का स्ट्राइक रेट शानदार रहा. कांग्रेस को 13 और एनसीपी को आठ सीटों पर जीत मिली. इसके अलावा कांग्रेस का एक बागी उम्मीदार भी शिवसेना उद्धव गुट के उम्मीदवार को हरा दिया. इस तरह कांग्रेस के पास 14 सांसद है. लोकसभा सीटों के हिसाब से कांग्रेस राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है.

ये भी पढ़ें:- हरियाणा के हर Exit Poll में हारी BJP, जम्मू-कश्मीर में भी INDIA अलायंस की बल्ले-बल्ले

शिवसेना को चुकानी होगी कीमत
शिवसेना उद्धव गुट को लोकसभा में औसत प्रदर्शन की कीमत अब इस विधानसभा चुनाव में चुकानी पड़ रही है. कांग्रेस पार्टी उनके साथ सीटों के बंटवारों में कोई नरमी नहीं दिखा रही है. ऐसे में गठबंधन के भीतर लोकसभा के नतीजों के आधार सीटों का बंटवारा हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे का अब तक का जो फॉर्मूला है उसके हिसाब से कांग्रेस सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी. रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस 119, शिवसेना ठाकरे 86 और एनसीपी शरद पवार 75 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

ऐसे में देखा जाए तो लोकसभा की तुलना में इस विधानसभा में शिवसेना का कद काफी कम हो गया है. 2019 के विधानसभा की बात करें तो उस वक्त शिवसेना एकीकृत थी. उसने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था. बतौर एनडीए गठबंधन भाजपा ने 152 और शिवसेना ने 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन, उसे केवल 56 सीटों पर जीत मिली. यानी आधी से अधिक सीटें वह हार गई. दूसरी तरफ भाजपा को 105 सीटों पर जीत मिली थी.

ये भी पढ़ें:-  7 October PM Modi: आज का दिन कभी नहीं भूलते होंगे पीएम नरेंद्र मोदी, शाह ने लिखा ‘इस यात्रा का साक्षी हूं’

कांग्रेस ने खड़ा किया अपना जनाधार
2019 के विधानसभा में कांग्रेस ने 125 सीटों पर चुनाव लड़ा था. ऐसे में देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में भी अपनी स्थिति से कोई खास समझौता करती नहीं दिख रही है. सीटों के मामले में बड़ा नुकसान शिवसेना ठाकरे और एनसीपी शरद गुट को हुआ है. हालांकि 2019 के विधानसभा में कांग्रेस और एनसीपी के उम्मीदवार की जीत का प्रतिशत भी बहुत अच्छा नहीं रहा था, लेकिन बीते लोकसभा चुनाव के नतीजों ने शिवसेना को काफी समेट दिया है.

भाजपा हमलावर
इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बवानकुले ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के लिए अब उद्धव ठाकरे की जरूरत खत्म हो गई है. इस कारण उद्धव महाविकास अघाड़ी में अलग-थलग कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे कांग्रेस नेतृत्व के मिलने दिल्ली गए थे. उन्होंने शरद पवार से भी मुलाकात की. लेकिन, उन्हें हासिल कुछ नहीं हुआ.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top