Jewer Airport: राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के जेवर में बने रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम पूपा हो चुका है. जल्द ही इस एयरपोर्ट से विमान सेवाएं शुरू होने वाली है. जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्लाइट कैलिब्रेशन का पहले चरण का काम पूरा हो चुका है. 15 अक्टूबर से लेकर 18 अक्टूबर तक इसकी टेस्टिंग की गई है. टेस्टिंग के दौरान कैलिब्रेशन फ्लाइट की यहां लैंडिगं कराई गई. इस दौरान रनवे और लैंडिंग सिस्टम की जांच की गई, जो सफल रहा और इसकी रिपोर्ट को भी डीजीसीए को भेज दिया गया है. पहले तरण के सफल ट्रायल के बाद अब दूसरे चरण में 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक यहां पर लगातार विमान उड़ान भरेंगे और उनका ट्रायल किया जाएगा.
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कब से शुरू होगी उड़ान
अगले साल 17 अप्रैल से इस एयरपोर्ट का कमर्शियल ऑपरेशन शुरू हो जाएगा. पहले इस एयरपोर्ट से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और घरेलू गंतव्यों के लिए करीब 30 उड़ानें शुरू होने की संभावना है. वहीं 25 उड़ानें घरेलू शहरों के लिए होंगी और तीन अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए होंगी. वहीं दो उड़ानें पूरी तरह कार्गो मूवमेंट के के लिए होंगी. बता दें कि इस एयरपोर्ट से सिंगापुर, दुबई और स्विट्जरलैंड के शहर ज्यूरिख के लिए उड़ानें संभव हो सकती है.
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19 नंवबर से ट्रायल
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि 1 अक्टूबर को यमुना प्राधिकरण में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर फ्लाइट शेड्यूलिंग की बैठक हुई थी, जिसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी से जुड़े हुए अधिकारी वन्य एजेंसी और डीजीसीए के लोग भी शामिल हुए थे. इस दौरान तय हुआ कि फ्लाइट शेड्यूलिंग कर दिया जाए. इसके बाद 15 अक्टूबर से लेकर 18 अक्टूबर तक कैलिब्रेशन कराया गया. इस दौरान लगातार चार-पांच दिन कैलिब्रेशन फ्लाइट आई और और लैंडिंग सिस्टम रनवे की जांच हुई और यह ट्रायल सही पाया गया.
इसका पूरा डाटा डीजीसीए को सबमिट कर दिया गया इसके बाद इसका अप्रूवल प्राप्त हो गया यानी कुल मिलाकर कैलिब्रेशन सक्सेस फुल रहा और पहला चरण इसका पूरा हो गया. उन्होंने बताया कि अब दूसरे चरण में 15 नवंबर से लेकर 15 दिसंबर तक यहां पर विमान ट्रायल करेंगे. इस दौरान अकासा एयरलाइंस,इंडिगो और एयर इंडिया व इसके अलावा वह एयरलाइन्स जिनसे एग्रीमेंट हुए हैं वह सब यहां पर रोजाना लगातार उड़ान भरेंगे इस दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी के छोटे विमान भी यहां पर उड़ान भरेंगे.
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लगातार एक माह तक इनके द्वारा उड़ान भरने और लैंडिंग की यह प्रक्रिया चलेगी उसके बाद अंत में एक विमान सभी क्रू मेंबर के साथ उड़ान भरेगा और लैंडिंग करेगा उसके बाद पूरे 1 महीने का डाटा इकट्ठा करके डीजीसीए की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. उसके बाद डीजीसीए से एयरड्रोम का लाइसेंस मांगा जाता है यानी कि एयरपोर्ट का लाइसेंस मांगा जाता है जो की 20 दिसंबर को सबमिट कर दिया जाएगा.
अरुणवीर सिंह ने बताया कि हम 20 दिसंबर को एयरपोर्ट के लाइसेंस के लिए अप्लाई कर देंगे. उसके बाद करीब 3 महीने में यह लाइसेंस आ जाता है. उन्होंने कहा कि अधिकतम 20 मार्च तक यह लाइसेंस आ जाएगा. उसके बाद यह एयरपोर्ट फंक्शनल हो जाएगा और पहले ही दिन तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ाने यहां से उड़ान भरेंगी. उन्होंने बताया कि 25 डोमेस्टिक उड़ान भी पहले दिन उड़ेंगी, और उसी दिन कार्गो की फ्लाइट भी उड़ान भरेगी.