अंतरराष्ट्रीय निर्यात के क्षेत्र में बिहार ने लंबी छलांग लगाई है। सोमवार को राज्य से 90 कंटेनरों की पहली खेप रूस भेजी गई है। बिहटा के नवनिर्मित इनलैंड कंटेनर डिपो से उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने इन कंटेनरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। नब्बे कंटेनरों में से सात में खाद्य वस्तु, जूते और स्टील के रस्से हैं। शेष 83 कंटेनर खाली हैं। इसमें हल्दिया बंदरगाह से सामान भरकर रूस भेजा जाएगा। इससे पहले बिहार के पहले ड्राई पोर्ट और इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) का उद्घाटन उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया। प्रिस्टिन मगध इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की ओर से बंद चीनी मिल की जमीन पर इसका निर्माण कराया गया है। इससे बिहार, झारखंड, ओडिशा समेत कई राज्यों के कारोबारियों को फायदा होगा।
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कस्टम क्लीयरेंस होगा आसान
अब तक बिहार के निर्यातकों और आयातकों को हजारों किलोमीटर दूर स्थित बंदरगाहों से कस्टम क्लीयरेंस लेना पड़ता था। आईसीडी बिहटा के शुरू होने से अब राज्य से ही हो सकेगा। कृषि प्रधान राज्य बिहार से अनाज और खाद्य वस्तुओं के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। मक्का, लीची, चावल, मखाना, फल, पैक्ड फुड के साथ ही स्पंज आयरन, वेस्टपेपर आदि वस्तुएं आयात-निर्यात की जाएंगी।
बिहार के उत्पादों को मिलेगी वैश्विक पहचान : नीतीश
मौके पर उद्योग मंत्री ने कहा कि डिपो शुरू होने से बिहार में अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा। बिहार के उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक विकास को गति दे रही है। केंद्र और बिहार सरकार के संयुक्त प्रसास से आयात-निर्यात को एक नया आयाम देने की शुरुआत की गई है। बिहार को चमड़ा और कपड़ा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। आने वाला नेतृत्व बिहार का होगा।
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प्रमुख बंदरगाहों से जुड़ा है डिपो
प्रिस्टेन के स्थानीय निदेशक रजनीश कुमार ने कहा कि आईसीडी बिहटा रेल द्वारा कोलकाता पोर्ट, हल्दिया, बिशाखापटनम, नहवा शेवा, मुंद्रा और अन्य प्रमुख बंदरगाहों से जुड़ा हुआ है। यह आधुनिक भण्डारण, सीमा शुल्क, निकासी और परिवहन सेवाओं को प्रदान करते हुए राज्य के आयातकों और निर्यातकों के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन के तर्ज पर कार्य करेगा।
ये रहे मौजूद :
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प्रधान मुख्य आयुक्त कस्टम, पटना जोन अजय सक्सेना, दानापुर रेल मंडल प्रबंधक जयंत कुमार चौधरी, उद्योग विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी, उद्योग निदेशक आलोक रंजन घोष, तकनीकी विकास निदेशक शेखर आनंद, प्रिस्टीन मगध इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संजय मारवाड़, रुबन मेमोरियल अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत कुमार आदि मौजूद रहे।