म्यूचुअल फंड के लिए इनसाइडर ट्रेडिंग नियम एक नवंबर से लागू होगा. इसके तहत, एसेट मैनेजमेंट कंपनी के म्यूचुअल फंड में नामित व्यक्तियों या उनके करीबी रिश्तेदारों द्वारा किए गए सभी लेनदेन की सूचना दो कारोबारी दिन के भीतर देनी होगी.
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नई दिल्ली. अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं या लगाने की सोच रहे हैं तो इसस जुड़ा एक नियम जान लें, जो 1 नवंबर से लागू होने जा रहा है. बाजार नियामक सेबी ने कहा कि म्यूचुअल फंड के लिए भेदिया कारोबार नियम एक नवंबर से लागू होगा. इसके तहत, एसेट मैनेजमेंट कंपनी के म्यूचुअल फंड में नामित व्यक्तियों या उनके करीबी रिश्तेदारों द्वारा किए गए 15 लाख रुपये से अधिक के सभी लेनदेन की सूचना दो कारोबारी दिन के भीतर अनुपालन अधिकारी को देनी होगी. छूट प्राप्त योजनाओं को छोड़कर सभी योजनाओं में 15 लाख रुपये की सीमा या तो एकबारगी लेनदेन अथवा एक तिमाही के भीतर एक से अधिक लेनदेन में हो सकती है.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि नया नियम एक नवंबर से लागू होगा. नियामक ने एसेट मैनेजमेंट कंपनीज को एक नवंबर, 2024 से तिमाही आधार पर अपने नामित व्यक्तियों, न्यासियों और उनके करीबी रिश्तेदारों के सकल रूप से म्यूचुअल फंड में निवेश के बारे में तिमाही आधार पर जानकारी देने को कहा है.
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15 लाख से ज्यादा के लेनदेन पर नजर
सेबी के अनुसार, म्यूचुअल फंड में 31 अक्टूबर तक के निवेश के बारे में शेयर बाजारों को 15 नवंबर तक जानकारी देनी होगी. इसके बाद की तिमाहियों के लिए कंपनियों को तिमाही समाप्त होने पर 10 दिन के भीतर जानकारी प्रदान करनी होगी. सेबी ने कहा, ‘‘छूट वाली योजनाओं को छोड़कर संपत्ति प्रबंधन कंपनी के नामित व्यक्तियों, न्यासियों और उनके करीबी रिश्तेदारों द्वारा अपने म्यूचुअल फंड की योजनाओं में प्रति पैन एकबारगी या किसी भी तिमाही में विभिन्न लेनदेन के जरिये 15 लाख रुपये से अधिक के सभी लेनदेन के बारे में विवरण देने की जरूरत होगी. यह विवरण लेनदेन होने के दो कारोबारी दिवस में एएमसी के अनुपालन अधिकारी को देना होगा.
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नियामक ने कहा कि कर्मचारियों को 30 दिन के भीतर एक ही प्रतिभूति में कारोबार से मुनाफा कमाने से बचना चाहिए और यदि वे लेनदेन करते हैं, तो उन्हें इसे अनुपालन अधिकारी को इसके कारण के बारे में बताना होगा. अनुपालन अधिकारी इस बारे में संपत्ति प्रबंधन कंपनी के निदेशक मंडल और न्यासियों को जानकारी देगा.
सेबी ने नवंबर, 2022 में एक अधिसूचना के माध्यम से म्यूचुअल फंड यूनिट में कारोबार को भेदिया कारोबार नियमों के तहत शामिल किया. इसका उद्देश्य संपत्ति प्रबंधन कंपनियों के भीतर ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ाना था.