प्रभंजन शुक्ल, बहराइच। नेपाल सीमा से सटे अवैध मदरसे सरकार के रडार पर हैं। एक वर्ष पूर्व कराए गए सत्यापन में 491 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिलने के बाद एटीएस को उनकी जांच सौंप दी गई है। निदेशक का पत्र मिलने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है। एटीएस के जल्द जांच शुरू करने की उम्मीद है।
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नेपाल सीमा से सटे जिले में अल्पसंख्यक विभाग के पास मान्यता प्राप्त 290 और सहायता प्राप्त 11 मदरसों का ब्यौरा था। सितंबर 2023 में शासन के निर्देश पर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सत्यापन शुरू किया गया। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्र की अगुआई में सदर तहसील क्षेत्र में सत्यापन हुआ, जबकि कैसरगंज, महसी, पयागपुर, नानपारा और मिहींपुरवा में एसडीएम के नेतृत्व में टीमों ने मदरसों का सत्यापन किया।
त्यापन में सामने आई चौंकाने वाली बात
सत्यापन में चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि लगभग 30 से 35 सालों से कई मदरसे अवैध रूप से चलते मिले। इन मदरसों को मिलने वाली फंडिंग का ब्यौरा मांगा गया तो आवामी चंदे की बात कहकर संचालकों ने किनारा कस लिया। इसके बाद शासन ने पूरे मामले की जांच एसआइटी को सौंपी थी।
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बीते दिनों दी गई रिपोर्ट में मदरसों की फंडिंग की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण इनको बंद करने की सिफारिश कर दी गई। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे. रीभा ने 21 अक्टूबर को जिला मुख्यालय को पत्र भेज कर बताया है कि एटीएस के एडीजी ने पत्र भेजते हुए सूची उपलब्ध कराई है। मकतब के संचालन और अब तक उनके पंजीकरण न होने समेत अन्य बिंदुओं की जांच में एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक को सहयोग देने के निर्देश जारी किए गए हैं। यहां एटीएस का थाना पहले से स्थापित है।
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शासन का पत्र मिल गया है। अभी तक किसी टीम ने संपर्क नहीं किया है। आने पर सहयोग देते हुए हर स्तर पर गहनता से जांच कराई जाएगी। आदेश मिलने पर अग्रिम कार्रवाई के संबंध में पत्राचार किया जाएगा। – संजय मिश्र, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी