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दुनिया को जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत, ताकतवर देशों के बीच भारत ने बताई पते की बात, वर्ल्ड से मांगी मदद

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अमेरिका में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुनिया के ताकतवर देशों के सामने अहम बात रखी और बताया कि इस वक्त दुनिया को सबसे ज्यादा जरूरत की चीज की है.

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वाशिंगटन. दुनिया को सबसे ज्यादा किस चीज की जरूरत है इसके बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में अहम बात की. उन्होंने रोजगार सृजन को सबसे बड़ा वैश्विक मुद्दा बताया यानी दुनिया के सभी देशों को नई नौकरी पैदा करने की जरूरत है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ल्ड बैंक से रोजगार सृजन करने वाले उच्च प्राथमिकता के कौशल क्षेत्रों की पहचान करने के लिए देशों के साथ सहयोग करने का आह्वान किया. सीतारमण ‘विश्व बैंक को अपनी भविष्य की रणनीतिक दिशा कैसे तय करनी चाहिए तथा ग्राहकों को उभरते मेगाट्रेंड के साथ तालमेल रखने के लिए अधिक नौकरियों के सृजन में कैसे मदद करनी चाहिए’ विषय पर एक चर्चा में अपनी बात रख रही थीं.

वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक खाते पर जानकारी दी, ‘‘ सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि निरंतर आर्थिक चुनौतियों और तेजी से हो रहे प्रौद्योगिकी बदलावों को देखते हुए नौकरियां सबसे बड़ी वैश्विक समस्या बनी हैं, जो युवाओं के लिए नौकरी बाजार में प्रवेश करने के वास्ते आवश्यक कौशल को पुनर्परिभाषित कर रही हैं.’’

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बढ़ती आबादी के साथ बढ़ती जरूरत

उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि विश्व बैंक ने इससे पहले क्षेत्रीय रुझानों तथा रोजगार पर उनके संभावित प्रभाव पर कई अध्ययन किए हैं. इनमें ‘हरित नौकरियां’, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलन में आने के बाद नौकरियां और बदलती जनसांख्यिकी के कारण बदलाव जैसे क्षेत्र आदि विषयों पर अध्ययन किए गए. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समय की मांग है कि अधिक व्यापक, बहु-क्षेत्रीय विश्लेषण किया जाए. इसमें इस बात पर गौर किया जाए कि उभरते रुझान किस प्रकार परस्पर क्रिया करते हैं और कैसे नौकरी छूटने तथा नौकरी सृजन दोनों को प्रभावित करते हैं.

वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में विश्व बैंक से आग्रह किया कि वह डेटा, विश्लेषण तथा ज्ञान कार्य के आधार पर उच्च प्राथमिकता वाले कौशल क्षेत्रों की पहचान करने में देशों के साथ सहयोग करे, जिसमें रोजगार सृजन, कौशल मिलान और श्रम बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाए.

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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में हिस्सा लेने के लिए वर्तमान में अमेरिकी राजधानी में मौजूद सीतारमण ने बृहस्पतिवार को ब्रिटेन की चांसलर ऑफ एक्सचेकर रेचल रीव्स के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की.

सीतारमण ने कहा कि भारत अगले साल की पहली छमाही में लंदन में होने वाली अगली आर्थिक व वित्तीय वार्ता का उत्सुकता से इंतजार कर रहा है. उन्होंने रेचल रीव्स के पहले बजट के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं जो चुनाव के बाद अगले सप्ताह पेश होने जा रहा है.

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