Gujarat: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुजरात के अमरेली जिले में एक रेंज वन अधिकारी (आरएफओ) और एक अन्य व्यक्ति को एक ठेकेदार से कथित रूप से दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।
ये भी पढ़ें:- नवरात्रि पर माता के भक्तों के लिए गुड न्यूज, मुंबई मेट्रो हर दिन चलाएगी 12 एक्स्ट्रा ट्रेनें, चेक कर लें पूरा शेड्यूल
एसीबी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि ठेकेदार ने राजुला में वन विभाग में किसी निर्माण कार्य के वार्षिक अनुबंध के लिए सुरक्षा के रूप में जमा कराए गए पांच लाख रुपये की राशि जारी कराने के लिए आरएफओ योगराजसिंह राठौड़ को पूर्व में 90,000 रुपये की रिश्वत दी थी।
इसमें कहा गया, ‘‘अनुबंध कार्य पूरा होने के बाद शिकायतकर्ता (ठेकेदार) ने राठौड़ से जमा राशि जारी करने को कहा। आरएफओ ने शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जिसमें वार्षिक अनुबंध के तहत किए गए काम के लिए कमीशन का एक हिस्सा शामिल था।’’
ये भी पढ़ें:- महाराष्ट्र चुनाव से पहले शिंद सरकार का एक और तोहफा, काट खोजने में जुटा ‘INDIA’, अब कौन चाल चलेंगे शरद पवार?
भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने कहा कि 90,000 रुपये का भुगतान किए जाने के बावजूद वन अधिकारी रिश्वत की रकम देने के लिए दबाव बनाता रहा जिसके बाद ठेकेदार ने एसीबी से संपर्क किया क्योंकि वह उसे यह रकम नहीं देना चाहता था।
विज्ञप्ति में कहा गया कि एसीबी ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया और राठौड़ एवं उसके कार्यालय में संविदा पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर विस्मय राजगुरु को शनिवार को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।