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दिल्ली/एनसीआर

Delhi-NCR के टोल टैक्स में हो 30 प्रतिशत की कटौती, लागत वसूल चुके टोल प्लाजाओं की हो जांच

toll

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Delhi NCR Transport Ekta Manch: दिल्ली एनसीआर ट्रांसपोर्ट एकता मंच ने छोटे ट्रांसपोर्टर्स के लिए टोल टैक्स में कटौती की मांग की है। मंच के महासचिव श्याम सुंदर ने प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्य रूप से हम तीन प्रमुख मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।

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पहला, छोटे ट्रांसपोर्टर्स (Transporters) की प्रमुख समस्याओं में टोल टैक्स (Toll Tax) एक बड़ी चुनौती बन गया है। देशभर में टोल टैक्स की दरों को कम से कम 30 प्रतिशत तक घटाया जाए। साथ ही उन टोल प्लाजा की भी जांच की जाए, जिन्होंने अपनी लागत वसूल कर ली है। ऐसे टोल प्लाजा (Toll Plaza) तुरंत ही बंद किए जाने चाहिए।

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ऑनलाइन चालान प्रक्रिया भी बोझ

दूसरा बड़ा मुद्दा देशभर में ऑनलाइन चालान (Online Challan) की प्रक्रिया से जुड़ा है। संगठन का मानना है कि ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ द्वारा चलती गाड़ियों की फोटो खींचकर व टोल प्लाजा से जानकारी लेकर जो चालान किया जाता है, वह छोटे ट्रांसपोर्टर्स के लिए बोझ साबित हो रहा है। उनका कहना है कि चालान प्रक्रिया में सुधार किया जाए, चालान केवल तब हो जब मौके पर ड्राइवर मौजूद हो।

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देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें हों समान

तीसरी प्रमुख मांग यह है कि देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें (Petrol Diesel Price) समान होनी चाहिए, ताकि ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों पर अलग-अलग राज्यों में भिन्न दरों का अतिरिक्त भार न पड़े। प्रेस वार्ता में मंच के अध्यक्ष हरीश ग्रोवर, सचिव दिनकर सिंह, कोषाध्यक्ष वेदप्रकाश एवं एडवोकेट डॉ चंद्रा राजन, एडवोकेट चरणजीत सिंह, डीसी कपिल भी मौजूद रहे।

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पांच सालों में पहली बार दिल्ली में सामने आए पराली जलाने के सर्वाधिक मामले

सियासी आरोप- प्रत्यारोप के बीच दिल्ली में एक महीने के दौरान पराली जलाने की 12 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) निगरानी तंत्र क्रीम्स के अनुसार, इनमें से आठ घटनाएं उत्तरी व तीन उत्तर पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में दर्ज हुई हैं। हैरत की बात यह भी कि 15 सितंबर से 26 अक्टूबर तक की अवधि का राजधानी में यह आंकड़ा पांच सालों के दौरान का सर्वाधिक है। 2020 में इस दौरान पराली जलाने की चार, 2022 में तीन एवं 2023 में सिर्फ दो घटनाएं दर्ज की गई थीं। 2021 में एक भी केस सामने नहीं आया था।

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