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धनतेरस पर ही क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस, जानिए इसके पीछे की वजह!

National Ayurveda Day 2024: धन्वंतरि जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है, जो धनतेरस का दिन होता है. इस दिन धन्वंतरि की पूजा की जाती है जो आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं.

कच्छ: गुजरात के कच्छ में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (National Ayurveda Day), धन्वंतरि जयंती के दिन मनाया जाता है, जो धनतेरस का दिन होता है. इस दिन का उद्देश्य आयुर्वेद का प्रचार करना और इसे वैश्विक पहचान दिलाना है. भाद्रपद माह में पितृ पूजन, श्राद्ध के बाद अंबा माता की पूजा होती है, और अंत में माता की आराधना की जाती है. दीपावली पांच दिनों का त्योहार होता है जिसमें धनतेरस, कालीचौदस, दीपावली, नववर्ष और भाईदूज शामिल हैं. इन पांच दिनों को पंचोत्सव भी कहा जाता है.

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राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का महत्व
लोकल 18 से बात करते हुए कथावाचक विजयभाई व्यास ने बताया, राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस धन्वंतरि जयंती पर मनाया जाता है, जो धनतेरस का दिन होता है. धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार हैं और धनतेरस के दिन उनकी पूजा की जाती है. आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है और धन्वंतरि को आयुर्वेद के देवता के रूप में माना जाता है.

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आयुर्वेदिक चिकित्सा में धन्वंतरि पूजा का महत्व
कथावाचक विजयभाई व्यास ने बताया कि इस दिन अस्पतालों और आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों में धन्वंतरि की पूजा की जाती है और विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की जाती है. इस अवसर पर आयुर्वेद और इसके लाभों का प्रचार किया जाता है. मुफ्त स्वास्थ्य शिविर, संगोष्ठियां और प्रदर्शनी भी आयोजित की जाती हैं.

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महालक्ष्मी की कृपा प्राप्ति का तरीका
कथावाचक ने कहा कि केवल प्रार्थना से लक्ष्मी प्रसन्न नहीं होती हैं. श्री सूक्तम के ग्रंथ में कहा गया है कि महालक्ष्मी केवल उन्हीं से प्रसन्न होती हैं जिनमें लालच, क्रोध, आलस्य और कामनाओं का अभाव होता है, बल्कि जो मेहनती और पुरुषार्थी होते हैं. त्योहारों के दौरान, पुरुषार्थ के माध्यम से लक्ष्मी को प्रसन्न करने और लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है.

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