Precautions While Bathing: काफी समय से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें यह दावा किया जाता है कि नहाते वक्त अगर सिर पर सबसे पहले पानी डालते हैं तो स्ट्रोक आने का खतरा ज्यादा होता है. यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई. लेकिन इस पोस्ट में सच्चाई कितनी है चलिए समझते हैं.
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Benefits of Bathing: खुद को तरोताजा रखने और शरीर से गंदगी हटाने के लिए नहाना बेहद जरूरी है. त्योहारों के समय तो प्रदूषण और घर की साफ-सफाई के बाद शरीर की सफाई और भी ज्यादा अहम हो जाती है. खासकर गर्मियों के समय में तो लोगों को नहाना बहुत ज्यादा पसंद होता है क्योंकि चिपचिपी गर्मी हालत खराब कर देती है.
काफी समय से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें यह दावा किया जाता है कि नहाते वक्त अगर सिर पर सबसे पहले पानी डालते हैं तो स्ट्रोक आने का खतरा ज्यादा होता है. यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई. लेकिन इस पोस्ट में सच्चाई कितनी है चलिए समझते हैं.
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वायरल पोस्ट में दावा
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया गया कि अगर नहाते वक्त सबसे पहले सिर पर पानी डालते हैं तो तापमान तेजी से बढ़ जाता है, जिससे स्ट्रोक आने का खतरा होता है.
फेसबुक पर वायरल पोस्ट में कहा गया, ‘स्ट्रोक अकसर बाथरूम में क्यों आते हैं? यह नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड के UiTM प्रोफेसर ने लिखा है. उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि वे नहाते वक्त सबसे पहले सिर पर पानी ना डालें क्योंकि यह तरीका गलत है. क्योंकि इससे शरीर को जल्दी से तापमान को एडजस्ट करना पड़ता है क्योंकि हमारा खून गरम होता है. ऐसा करने से सिर तक खून का प्रवाह बढ़ सकता है, जिससे केशिका या धमनी टूट सकती है, जिससे स्ट्रोक और गिरने की संभावना हो सकती है. नहाने का सही तरीका यह है कि आपको पहले पैरों पर फिर धीरे से कंधों पर पानी डालना चाहिए.’
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एक्सपर्ट्स दावे पर क्या बोले?
लेकिन एक्सपर्ट्स ने इस दावे को गलत बताया है. मोनाश हेल्थ में न्यूरोसाइंस रिसर्च के चीफ थान फान ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि नहाते हुए ऐसी सीक्वेंसिंग का कोई सबूत नहीं है. फान ने कहा कि ज्यादातर स्ट्रोक इसलिए आते हैं क्योंकि क्लॉट दिमाग में खून के प्रवाह को रोक देते हैं. ये क्लॉट या तो दिल या फिर बड़ी रक्त धमनियों जैसे कैरोटिड धमनी से आते हैं. इसका कम सामान्य कारण रक्त वाहिका का फटना है.’
उन्होंने स्ट्रोक सर्वाइवर्स के लिए नहाने को लेकर अमेरिकन हार्ट असोसिएशन के स्टेटमेंट की तरफ भी इशारा किया. फान ने कहा कि इसमें कहीं भी नहाने की सीक्वेंसिंग के बारे में नहीं लिखा है, सिवाय विकलांग लोगों के.
स्ट्रोक फाउंडेशन क्लीनिकल काउंसिल के प्रोफेसर ब्रूस कैंपबेल ने भी ऐसी झूठी पोस्ट्स में किए गए दावों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिसमें नहाने का स्ट्रोक से कोई संबंध हो.’ उन्होंने कहा, ‘स्ट्रोक का रिस्क कम करने के लिए आपको अपना ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखना होगा. साथ ही संतुलित आहार लें. धूम्रपान से बचें और नियमित व्यायाम करें. शराब का सेवन कम से कम करें.’