GST Council Meeting : दिसंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में आम आदमी को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. बैठक के एजेंडे में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम कर छूट और विलासिता और आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में संशोधन का प्रस्ताव शामिल है.
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नई दिल्ली. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 23-24 दिसंबर को होने की संभावना है. राजस्थान में होने वाली इस बैठक में कई महत्सपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं. बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी समाप्त करने की घोषणा हो सकती है. पहले यह बैठक पहली इसी महीने नवंबर में होनी थी, लेकिन अब इसे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व चर्चा के साथ जोड़ा गया है. इसी वजह से मीटिंग का समय बदला गया है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, बजट की तैयारियों पर चर्चा के साथ ही राज्यों के साथ इस बैठक में खाद्य महंगाई, बेरोजगारी, ग्रामीण रोजगार सृजन, और पूंजीगत खर्च जैसे अहम मुद्दों पर भी विचार-विमर्श होगा. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्री पहले नवंबर में बैठक कराने के पक्ष में थीं, लेकिन अब इसे दिसंबर के अंत में राज्य वित्त मंत्रियों के बजट पूर्व सुझावों के साथ मिलाकर आयोजित किया जा रहा है.
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बीमा प्रीमियम पर GST में राहत की उम्मीद
इस बैठक में टर्म लाइफ और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स का ऐलान हो सकता है. मौजूदा समय में इन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जिससे पॉलिसीधारकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है. इस भार को कम करने के लिए, जीएसटी पर गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने वरिष्ठ नागरिकों और टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट की सिफारिश की है. टर्म लाइफ इंश्योरेंस और वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर पूरी तरह से जीएसटी में छूट दी जा सकती है, जबकि अन्य लोगों के लिए 5 लाख रुपये तक की कवरेज वाली पॉलिसियों पर आंशिक छूट का प्रावधान किया गया है. अगर यह छूट दी जाती है तो 200 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि होगी.
लक्जरी वस्तुओं पर टैक्स दरों की होगी समीक्षा
बीमा छूट के अलावा, जीएसटी काउंसिल की बैठक में लक्जरी आइटम्स और आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में भी बदलाव कर सकती है. लक्जरी कलाई घड़ियां और जूते जैसी महंगी वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाकर राजस्व में सालाना लगभग 22,000 करोड़ रुपये का इजाफा हो सकता है. वहीं, साइकिल, एक्सरसाइज बुक्स और बड़े पैक वाले पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती करके आम आदमी को राहत देने पर भी विचार हो सकता है.