आज करीब 21 लाख दीयों से ये शहर जगमगाएगा. इस भव्यता का गवाह बनने के लिए देश-दुनिया से लाखों की तादाद में पर्यटक वाराणसी पहुंच चुके हैं. इसके अलावा आज उपराष्ट्रपति यहां नमो घाट का भी उद्घाटन करेंगे.
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Dev Deepawali 2024: कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली कहा जाता है. लोक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने प्रचंड अत्याचारी दैत्य त्रिपुरासुर का वध कर त्रिलोक को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी. जिसके बाद देवताओं ने दीपोत्सव मनाया था. हर साल शिव की नगरी काशी में देव दीपावली का भव्य आयोजन किया जाता है. ये त्योहार वाराणसी में एक पर्व और महोत्सव का रूप ले चुका है.
माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की प्रिय काशी नगरी में देवतागण खुद आते हैं और देव दीपावली मनाते हैं. इस बार भी शिव नगरी काशी में देव दीपावली को भव्यता के साथ मनाया जा रहा है. आज करीब 21 लाख दीयों से ये शहर जगमगाएगा. इस भव्यता का गवाह बनने के लिए देश-दुनिया से लाखों की तादाद में पर्यटक वाराणसी पहुंच चुके हैं.
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101 महिलाएं करेंगी देव दीपावली का आयोजन
देव दीपावली पर बाबा विश्वनाथ की विशेष पूजा की जाएगी. इसके लिए बाबा के दरबार को फूलों से सजाया जा रहा है. इसके साथ ही पूरे मंदिर, ललिता घाट व गंगा द्वार को भी दीपों से रौशन किया जाएगा. पहली बार देव दीपावली पर महिलाएं मां गंगा की आरती करेंगी. राजघाट पर 101 महिलाएं देव दीपावली के इस आयोजन को खास बनाएंगी.
उप-राष्ट्रपति करेंगे नमो घाट का उद्घाटन
आज देव दीपावली के मौके पर उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि होंगे और सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में नमो घाट का उद्घाटन करेंगे. शुक्रवार की शाम नमो घाट का उद्घाटन समारोह साढ़े 3 बजे से शुरू होकर साढ़े 5 बजे तक चलेगा, फिर सभी डेलिगेट्स नमस्ते की मुद्रा के स्थान दीपदान करके देवदीपावली की शुरूआत करेंगे और सभी घाटों पर दीपक जलना शुरू हो जाएगा. इस बीच उनके साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अलावा केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह भी रहेंगे.
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जल, थल और नभ से जुड़ने वाला पहला घाट
नमो घाट जल, थल और नभ से जुड़ने वाला यह पहला घाट होगा, जहां हेलीकॉप्टर भी उतारा जा सकता है. नमो घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, ओपन एयर थियेटर, कुंड, फ्लोटिंग जेटी पर बाथिंग कुंड और चेंजिंग रूम का भी निर्माण हुआ है. दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए मां गंगा के चरणों तक रैंप बना है. घाट की बनावट और अंतरराष्ट्रीय सुविधा के साथ 75 फीट ऊंचा नमस्ते का स्कल्पचर पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है. इस नमो नमः स्कल्पचर की वजह से इसका नाम नमो घाट रखा गया.