उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन ने अपने सैनिकों की ताकत को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. तानाशाह ने बड़े स्तर पर सुसाइड ड्रोन बनाने के आदेश दिए हैं. ये ड्रोन बिना राडार की पकड़ में आए ही टारगेट को तबाह कर देते हैं. इन ड्रोन की क्या खासियत है, चलिए जाानते हैं.
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सियोल. उत्तर कोरिया के सैनिक रूस की ओर से यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे हैं. तानाशाह किम जोंग उन लगातार युद्ध में हर तरीके से रूस का साथ दे रहा है. अभी हाल में रूस-यूक्रेन के जंग में इस्तेमाल हो रहे ‘सुसाइड ड्रोन’ (Suicide Drones) के तर्ज पर तनाशाह ने अपने देश में इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन का आदेश दिया है. तानाशाह ने बताया कि इन ड्रोन का इस्तेमाल शत्रु देशों के खिलाफ हमला करने के लिए किया जाएगा. सुसाइड ड्रोन के बड़े स्तर पर उत्पादन के आदेश देने के बाद किम जोंग उन ने सेना के अधिकारियों संग बैठक किया. बैठक के दौरान उत्तर कोरिया की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने और रक्षा के उपायों को मजबूत करने पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने सुसाइड ड्रोन के परीक्षण का भी सुपरविजन किया.
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आत्मघाती/सुसाइड ड्रोन को लोइटरिंग मुनिशन के नाम से भी जाना जाता है. इन्हें “कम लागत वाले, छोटे आकार के ड्रोन” के रूप में डिजाइन किया जाता है. ये ड्रोन एक बार लक्ष्य पर पहुंचने के बाद विस्फोटक का उपयोग करते हुए दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर सकते हैं. किम जोंग उन ने इस प्रकार के हथियारों को सेना का काफी महत्पूर्ण बताया है. उत्तर कोरिया की सरकारी अखबार केसीएनए के अनुसार, ‘(किम) ने जल्द से जल्द बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की आवश्यकता पर जोर दिया.’ साथ ही तानाशाह में बड़े बदलाव की जरूरत को देखते हुए प्रैक्टिस के साथ-साथ सेना में एजुकेशन पर भी जोर दिया.
सेना में हथियार अपडेट
यह ड्रोन अत्यधिक सटीक होते हैं. लक्ष्य के पास पहुंच कर खुद को ही उड़ा लेते हैं, जिससे टारगेट तबाह हो जाता है. किम जोंग ने बताया कि इसका इस्तेमाल दुश्मन के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले में किया जा सकता है. किम जोंग उन ने कहा कि इन ड्रोन का इस्तेमाल न केवल सेना को मजबूती देगा बल्कि इनकी तैनाती से उत्तर कोरिया की रक्षा भी मजबूत होगी.
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रूस कर रहा है मदद
दोनों देशों के नेताओं ने जून में एक पार्टनरशिप का समझौता पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें एक पारस्परिक रक्षा समझौता भी शामिल है. रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिक रूस के तरफ से जंग लड़ रहे हैं. उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस की पश्चिमी सीमाओं पर अपने सैनिकों को तैनात भी किया है. दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया कि उत्तर कोरियाई सैनिकों ने रूसी सेना के साथ मिलकर यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई लड़ी है.
कितना खतरनाक
सुसाइड ड्रोन की कीमत अन्य मिसाइलों और एयर स्ट्राइक्स की तुलना में बहुत कम होती है. यह खुद को अपरेट करते हैं और टारगेट के पास जाकर खुद को उड़ा लेते हैं. ये टारगेट के पहुंचने में काफी कम समय लेते हैं. समुद्र, हवा या जमीन कहीं से भी अटैक किया जा सकता है. इसमें इंसान नहीं होते हैं, जिससे ऑपरेटर भी खतरे से बच जाते हैं. वहीं, आकार में छोटा होने की वजह से राडार में भी पकड़े जाने का खतरा नहीं होता है.