अनिल सिंह, बांदा: बांदा विकास प्राधिकरण (बीडीए) बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे महोखर और मवई गांवों में 35 हेक्टेयर भूमि पर ग्रीन सिटी विकसित करेगा। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें करीब 79 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। इस धनराशि का 50 फीसदी राज्य सरकार और 50 फीसदी बीडीए वहन करेगा। पहली किस्त के रूप में 20 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। ग्रीन सिटी में आवासीय भूखंड, व्यवसायिक केंद्र, विद्यालय, सामुदायिक भवन, चौड़ी सड़कें, पार्क, बिजली, पानी और खेलकूद के मैदान जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी।
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दो वर्षों में पूरा होगा प्रोजेक्टबीडीए अधिकारियों के अनुसार, ग्रीन सिटी प्रोजेक्ट को अगले दो वर्षों में पूरा करने की योजना है। एक्सप्रेसवे के निकट होने से यहां व्यवसायिक और शैक्षिक संस्थानों के लिए बड़े अवसर उत्पन्न होंगे। भूखंडों का आवंटन प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी।
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शहरी विस्तारीकरण योजना में बांदा का विस्तारमुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत बांदा को नए और आधुनिक शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है। बांदा-कानपुर और बांदा-फतेहपुर मार्ग के बीच महोखर और मवई गांवों को शामिल कर नई टाउनशिप बसाने की तैयारी है। इसके तहत अस्पताल, सड़कें, पार्क और जल आपूर्ति की सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रशासन ने 13 गांवों को बांदा शहर में शामिल करने का प्रस्ताव भी भेजा है, जिससे यह क्षेत्र महानगर का स्वरूप ले सके।
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औद्योगिक गलियारा भी बनेगा विकास का केंद्रबुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दूसरे हिस्से पर यूपीडा द्वारा औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। इसके लिए 100 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। यहां नामचीन कंपनियां और निवेशक अपने उद्यम स्थापित करेंगे। औद्योगिक विकास से बांदा जिले में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
भूखंड के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरूबीडीए सचिव संदीप केला ने जानकारी दी कि ग्रीन सिटी के तहत भूखंडों के लिए डिमांड सर्वे किया जा रहा है। इच्छुक व्यक्ति बीडीए की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं और प्रोजेक्ट से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वही प्रभारी एक्सईएन बीडीए आरपी यादव ने बताया कि शहरी विस्तारी करण योजना में अब धनराशि मिलने के बाद तेजी आएगी जमीन चिन्हित कर ली गई है।
एक छोटा शहर महानगर बनने की ओरअंग्रेजी शासनकाल से जिला मुख्यालय के रूप में प्रसिद्ध बांदा अब मंडल मुख्यालय के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। पिछले दो दशकों में इसकी आबादी दो लाख से अधिक हो गई है, और शहर का दायरा 10 किलोमीटर से अधिक तक बढ़ चुका है। प्रशासन की नई योजनाओं के तहत यह शहर जल्द ही एक आधुनिक और सुव्यवस्थित महानगर के रूप में उभरेगा।