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दिल्ली/एनसीआर

प्रदूषण से नहीं राहत, दिल्ली में फिर ‘गंभीर’ एयर क्वालिटी, कई जगहों का AQI 430 के पार

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Delhi Pollution: सोमवार को दिल्ली की एयर क्वालिटी में सुधार के बाद आज (मंगलवार), 26 नवंबर को फिर AQI बहुत खराब दर्ज किया गया है. सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI बहुत खराब श्रेणी में है. राष्ट्रीय राजधानी में कई इलाकों में लगातार धुंध की परत देखने को मिल रही है. दिल्ली में सुबह 7 बजे 24 घंटे का औसत समग्र AQI 396 (बहुत खराब- गंभीर के कगार पर) है. सोमवार को सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 279 (खराब श्रेणी) था. रिपोर्ट करने वाले 39 स्टेशनों में से 18 गंभीर श्रेणी में हैं. सुबह 7 बजे कई स्टेशन गंभीर (400+) श्रेणी में हैं 

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चेक करें आज का AQI

अलीपुर-415

आनंद विहार- 436

अशोक विहार- 419

बवाना- 424

करणी सिंह स्टेडियम- 403 

जहांगीरपुरी- 421

इंडिया गेट- 412

मंदिर मार्ग- 409

मुंडका- 440

नरेला- 413

लाजपत नगर – 419

पटपड़गंज- 409

पंजाबी बाग- 412

रोहिणी-432

शादीपुर- 422

सोनिया विहार- 424

विवेक विहार- 430

वजीरपुर- 422

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प्रदूषण से हो रहीं स्वास्थ्य समस्याएं

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का AQI कई क्षेत्रों में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है. दिल्ली के अलीपुर का AQI 415, आनंद विहार- 436, अशोक विहार- 419, बवाना- 424, करणी सिंह स्टेडियम- 403,जहांगीरपुरी में 421 दर्ज किए गए हैं. वहीं, दिल्ली में प्रदूषण के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. वहीं, राजधानी के कई हिस्सों में स्मॉग की परत देखने मिली. 

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कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी?

अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसी के आधार पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप श्रेणी की पाबंदियां लगाई जाती हैं. 

क्या होता है ग्रैप?

ग्रैप का मतलब GRAP से है. GRAP का फुल फॉर्म ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है. ये सरकार की एक योजना है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ बनाया गया है. इस प्लान के जरिए प्रदूषण को कंट्रोल किया जाता है. दरअसल, इसके कई चरण हैं और ये चरण भी बढ़ते प्रदूषण के साथ बढ़ते जाते हैं. जैसे जैसे चरण बढ़ते हैं, वैसे वैसे दिल्ली में पाबंदियां भी बढ़ती जाती हैं.

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GRAP के 4 चरण होते हैं

  • जब दिल्ली में हवा 201 से 300 एक्यूआई तक खराब होती है तो पहला चरण लागू किया जाता है.
  • इसके बाद अगर हवा ज्यादा खराब होती है और एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है तो इसका दूसरा चरण लागू हो जाता है.
  • अगर हवा ज्यादा खराब हो जाए यानी एक्यूआई 400 से भी ज्यादा हो जाए तो तीसरा चरण लगता है.
  • हालात ज्यादा खराब होने पर GRAP का चौथा लेवल लागू कर दिया जाता है.

प्रदूषण से बचाव के उपाय

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प्रदूषण से बचने के लिए घर से बाहर निकलने पर अपने मुंह और नाक को अच्छे से ढंक लें या मास्क लगा कर निकलें. आंखों की एलर्जी से बचने के लिए आंखों पर चश्मा लगाकर निकलें. ज्यादा प्रदूषण में घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. वहीं, घर के बच्चे और बुजुर्गों को बाहर निकलने से रोके. ऐसे में पार्क में खेलने जाने वाले बच्चों को घर पर ही इनडोर गेम्स खेलने को कहें. अगर आप मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर जाते हैं तो कुछ दिन बाहर न जाएं, नहीं तो ज्यादा प्रदूषण में सांस संबंधी समस्या हो सकती है.

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