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उत्तराखंड

उत्तराखंड: सीएम योगी की तरह धामी सरकार लैंड-लव जिहादी पर चलाए बुलडोजर, मस्जिद विवाद पर बोले BJP विधायक टी राजा

रश्मि खत्री, देहरादून: ‘एक-एक हिंदू को जब तक हम शेर न बना दें, तब तक हम खामोश बैठने वाले नहीं हैं। असदुद्दीन ओवैसी फिलिस्तीन की बात करता है, अगर उसे फिलिस्तीन से इतना ही प्यार है तो वह वहीं जाकर लोगों का समर्थन करे। जैसे कि मेरे हिंदू भाइयों को तकलीफ हुई तो मैं सड़क मार्ग से उत्तराखंड पहुंच गया। उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि संगठन में शक्ति होती है इसीलिए सभी लोग संगठित हो जाएं। यह बात हैदराबाद के भाजपा विधायक टी राजा ने उत्तरकाशी में विवादित मस्जिद के खिलाफ आयोजित महापंचायत में कही। तमाम रूकावटों के बाद उत्तरकाशी में मस्जिद के खिलाफ देवभूमि विचार मंच के आह्वान पर आज हिंदू महापंचायत आयोजित की गई। इसमें उत्तराखंड के कई हिंदू संगठनों के लोग शामिल हुए। इस दौरान हैदराबाद से आए भाजपा विधायक टी राजा ने एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा कि ओवैसी हैदराबाद से उत्तरकाशी की बात करते हैं तो हमें भी एकजुट हो जाना चाहिए। ओबीसी मीडिया में रहने वाले नेता हैं।

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लैंड जिहादी को उनकी भाषा में समझाए

भाजपा विधायक टी राजा ने कहा कि मैं हिंदू हूं और हिंदू भाइयों की तकलीफ में हैदराबाद से उत्तराखंड पहुंच गया हूं। हालांकि ओवैसी फिलिस्तीन के हमदर्द हैं तो उन्हें वहीं जाकर फिलिस्तीनियों का समर्थन करना चाहिए। टी राजा ने यह भी कहा कि लैंड जिहादी जिस भाषा में समझना चाहते हैं, उन्हें उसी भाषा में समझाया जाना चाहिए।

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उत्तराखंड में 25 प्रतिशत है मुस्लिम आबादी

भाजपा विधायक टी राजा कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से चर्चा करनी चाहिए और उत्तराखंड में बुलडोजर चलवा कर लव और लैंड जिहादियों को सबक सिखाने के लिए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। कहा कि उत्तराखंड में वर्ष 2000 में मुसलमानों की संख्या 1 प्रतिशत थी, लेकिन 24 साल बाद उत्तराखंड में मुस्लिम आबादी 25 फीसदी हो गई है।विदित हो कि उत्तरकाशी के बाड़ाहाट इलाके में स्थित मस्जिद पिछले 6 महीने से विवाद का कारण बनी हुई है। वर्ष 1969 में बनी मस्जिद को लेकर विवाद आरटीआई में मिली जानकारी के बाद शुरू हुआ था। एक धार्मिक संगठन से जुड़े व्यक्ति ने अगस्त महीने में प्रशासन से मस्जिद के संबंध में जानकारी मांगी थी। प्रशासन ने जो जानकारी दी थी उसके आधार पर संगठन ने मस्जिद को अवैध बताया।इसके बाद उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा हो गया और लगातार हिंदू संगठन इस मस्जिद को ढहाने की मांग को लेकर आंदोलित हैं। विगत 24 अक्टूबर को उत्तरकाशी में मस्जिद ढहाने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों के बैनर तले हजारों लोग सड़क पर उतर आए थे।

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इस दौरान क्षेत्र में भारी पुलिस दल भी तैनात किया गया था लेकिन फिर भी गुस्साए लोगों ने जब मस्जिद का रुख किया तो पुलिस कर्मियों ने रोकने की कोशिश की जिससे आंदोलनकारी भड़क गए और आगे जाने की जिद करने लगे। आक्रोशित लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। जिसमें 27 प्रदर्शनकारियों के साथ ही सात पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।इस आंदोलन के बाद हिंदू संगठनों ने 4 नवंबर को महापंचायत करने का ऐलान किया था लेकिन प्रशासन से वार्ता के बाद उस दौरान महापंचायत स्थगित कर दी गई। हालांकि बाद में 1 दिसंबर को महापंचायत करने का ऐलान किया गया था। महापंचायत के लिए पहले अनुमति नहीं दी गई लेकिन लगातार वार्ता के दौर चलने के बाद प्रशासन ने देवभूमि विचार मंच को सशर्त महापंचायत करने की अनुमति दी।बता दें कि 55 साल पुरानी मस्जिद के निर्माण के लिए चार नाली और 15 मुट्ठी भूमि का सौदा किया गया था। साल 2005 में इस जमीन का दाखिल खारिज किया गया जिसके बाद कानूनी विवाद शुरू हो गया। प्रशासनिक जांच के दौरान इस निर्माण को लेकर विवाद और बढ़ गया था।आज आयोजित महापंचायत में हिंदू संगठनों ने अवैध निर्माण और अतिक्रमणों की जांच की मांग की है। इसके साथ ही बाहरी राज्यों से आए लोगों और संदिग्ध मानसिकता के व्यक्तियों की पहचान करने, गांव में घूमने वाले फेरी वालों और कबाड़ियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के साथ ही लव और लैंड जिहाद के मामलों की रोकथाम करने की मांग भी पुरजोर तरीके से उठाई है।महापंचायत के दौरान विवादित मस्जिद के 50 मीटर के दायरे में धारा 163 (पूर्व में धारा 144) लागू की गई थी। महापंचायत के लिए जिले को 3 जोन में बांटा गया था। जोन के अंतर्गत प्रत्येक सेक्टर में मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति की गई थी। इसके साथ ही महापंचायत की ड्रोन से निगरानी की गई और ट्रैफिक को भी डायवर्ट किया गया था। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।

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