Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण कम होने के बाद प्रतिबंध हटने लगे हैं। इसी क्रम में अब सुप्रीम कोर्ट ने GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-4) पर फैसला दे दिया है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मसले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से ग्रेप 4 हटाने की इजाजत दे दी है। हालांकि ग्रैप 2 के नीचे जाने की अनुमति नहीं होगी।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है और हम GRAP-4 के स्टेज से बाहर आ गए हैं, लेकिन ये मौसम के बदलने से संबंधित स्थितियों के कारण हुआ है। इसमें लगातार गिरावट का रुझान आया है।
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ASG का सुझाव- GRAP-2 लागू करेंगे
CAQM की तरफ से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि हमारी भौगोलिक स्थिति यूरोपीय देशों जैसी नहीं है। हवा भी वैसी नहीं है। यानी दोनों की तुलना नहीं हो सकती है। सालभर में खासकर अक्टूबर नवंबर से फरवरी मार्च के बीच गंभीर स्थितियां आती हैं। सालभर में 12-13 ऊंची नीची स्थितियां आती हैं, जिनसे प्रदूषण पर असर पड़ता है। ASG भाटी ने सुझाव दिया कि हम GRAP 2 और 3 का हाइब्रिड लागू करेंगे, बाकी सदस्य इस पर विचार कर सकते हैं।
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SC ने ग्रेप 4 हटाने की इजाजत दी
ASG भाटी ने कहा कि हमें AQI के अनुसार GRAP को संचालित करना चाहिए। अब ये अनुमान लगाया जा रहा है कि ये स्टेज 2 से आगे नहीं जाएगा। एमिकस अपराजिता सिंह ने कहा कि मैं ASG से असहमत हूं कि हम इससे आगे सुधार नहीं कर सकते। मुंडका में अभी भी खुले में कूड़ा जलाया जा रहा है और दिल्ली में भी। लेकिन कोर्ट GRAP-4 हटाने की इजाजत दे सकता है। इसके बाद अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को दिल्ली-एनसीआर से ग्रेप 4 हटाने की इजाजत दी।
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सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को निर्देश दिए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आंकड़ों पर विचार करते हुए हमें नहीं लगता कि इस स्तर पर आयोग को ग्रेप 2 से नीचे जाने की अनुमति देना उचित नहीं होगा। अदालत की ओर से आगे भी इसकी निगरानी जरूरी है। हालांकि हम आयोग को ग्रेप 2 लागू करने की अनुमति देते हैं, लेकिन ये उचित होगा कि वो इसमें ग्रेप 3 के अतिरिक्त उपायों को शामिल करें और हम ऐसा करने की अनुमति देते हैं। हमें यहां ये दर्ज करना होगा कि अगर ये पाया जाता है कि AQI 350 से ऊपर चला जाता है, तो एहतियात के तौर पर ग्रेप 3 को तुरंत लागू करना होगा। अगर किसी दिन AQI 400 को पार कर जाता है, तो ग्रेप 4 को फिर से लागू किया जाना चाहिए।