Pakistan army fear : पाकिस्तानी सेना प्रमुख का आवाम के गुस्से से बचने के लिए अब नया फरमान जारी किया है. उन्होनें सोशल मीडिया पर भी लोगो के विचारों को भी पूरी तरफ से कुचलने का प्लान बना लिया है. फेक न्यूज के नाम पर में वो सरकार से नया सोशल मीडिया कानून और कडी सजा की मांग तक कर चुके हैं
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Pakistan : पाकिस्तान की सेना ये कहते कभी नहीं थकती थी कि वो किसी से नहीं डरते. ना भारत से ना ही किसी आतंकी संगठन से. यहां तक की इरान के साथ गलबहिया करने दौरान अमेरिका का भी डर नही रहा. लेकिन पाकिस्तान की आवाम की सोशल मीडिया की ताकत का खौफ सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को सताने लगा है. और ये खौफ सामने आया पिछले हफ़्ते हुए सेना के फॉरमेशन कमॉडरों की बैठक में. इस बैठक के दौरान बाकी सैन्य मुद्दो पर तो चर्चा की लेकिन ये एक बड़ा मुद्दा सोशल मीडिया और उसकी खबरों के लेकर भी था. पाकिस्तानी मीडिया को ISPR की तरफ भेजी गई जानकारी में इस बात का खुलासा किया गया . खास बात तो ये रही की जो सच खबर है उसे भी पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने झूठा और सेना के खिलाफ प्रोपोगेंडा बताया. जो कि उनके खिलाफ सोशल मीडिया में फैलाया जा रहा है.
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शहबाज सरकार से कडे कानून लागू करने की अपील
फेक न्यूज को लेकर जो उदाहरण दिया गया वो ही बडा दिलचस्प था. ये खबर थी कि इस्लामाबाद में SCO सम्मेलन के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की यात्रा के दौरान का जब सुरक्षा के लिए सेना को बुलाया गया था. जिन्हें प्रमुख सरकारी इमारतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पर तैनात किया गया था. उसे लेकर जो सोशल मीडिया में प्रचार हुआ सेना प्रमुख जनरल मुनीर ने उसे लेकर पसंद नहीं आया. ना सिर्फ उन्होनें चिंता जताई यहां तक की उसे फेक न्यूज़ प्रोपोगेंडा तक करार दिया. जबकि खुद इस्लामाबाद के डीएम ने बाकायदा सेना के लेटर लिखकर सेना की तैनाती की माँग की थी. उसी को वो फेक बताने में जुटे है. सेना प्रमुख जनरल मुनीर ने तो शहबाज सरकार से फेक न्यूज़ को रोकने, और अभिव्यक्ति की आज़ादी के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़े कानून और नीयम लागू करने की अपील की है. और उन लोगों पर कार्रवाई करने की माँग की है जो कि अपने फायदे के लिए फेक न्यूज़ फैलाते हैं . इससे ये तो साफ दिखाई दे रहा है. कि सेना प्रमुख जनरल मुनीर सोशल मीडिया से कितना डरने लगे हैं.
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आवाम का भरोसा उठने का डर
पाकिस्तान की सेना आगर ताकतवर है तो बस आवाम के मन में सेना की इज्जत की वजह से. बाकी तो सेना ने एसा कोई काम आवाम के लिए किया नहीं. चुनावों में वोट भले ही आम जनता देती हो लेकिन कौन जीतेगा और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा वो सेना ही तय करती है. जनता के मन में सेना के लिए गुस्सा भरने लगा है. सोशल मीडिया पर आम पाकिस्तानी अपनी भडास निकालनें में कोई कोर कसर नही छोडता. इमरान खान की बुलाई गई रैलियों में दिखाई देने वाली भीड भी उसी को तस्दीक करती है. जितनी तेज़ी से इमरान खान ने मैसेज सोशल मीडिया के ज़रिए उनके समर्थकों का तक पहुँचते हैं. उतनी तेज़ी से ही सरकार और सेना के खिलाफ सोशल मीडिया पर ख़बरें फैलनी शुरू हो जाती है. मजेदार बात तो ये है कि जिस आवाम की ये बात पाकिस्तानी सेना प्रमुख कर रहे है. वो इसी आवाम के फोन को कभी भी इंटरसेप्ट करने के लिए पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन एक्ट में बदलाव करा चुकी है और ISI को किया भी शख्स के फोन को टैप करने और उसे सुनने की इजाजत भी दिला चुकी है . और अब खबर को दबने के लिए उसे फेक न्यूज़ करार देना और फिर उसके खिलाफ एक्शन लेने का दबाव भी शहबाज सरकार पर बनाना ये साफ दिखता है. की पाकिस्तानी सेना परेशान तो है. लेकिन ये देखकर किसी को हैरानी नहीं होगी की आने वाले कुछ दिनों में फेक न्यूज़ के नाम पर नया कोई कानून ही शहबाज सरकार आवाम पर थोप दे.