Mukhyamantri Mahila Samman Scheme- दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना को दिल्ली की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बडा कदम बताया.
नई दिल्ली. विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने बड़ा दांव चलते हुए 12 दिसंबर को दिल्ली में महिला सम्मान योजना लाने का ऐलान कर दिया. मुख्यमंत्री आतिशी के नेतृत्व वाली दिल्ली कैबिनेट ने महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की मंजूरी दी है. आम आदमी पार्टी ने वादा किया है कि अगर दिल्ली में फिर से उसकी सरकार बनती है तो योजना के तहत सम्मान राशि को 1000 रुपये से बढाकर 2100 रुपये कर दिया जाएगा. दिल्ली मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का लाभ 18 साल से अधिक की महिलाओं को दिया जाएगा.
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दिल्ली मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का लाभ केवल उन महिलाओं को ही मिलेगा, जिनके पास 12 दिसंबर 2024 तक दिल्ली में वोटर कार्ड होगा. यानी जिन महिलाओं का नाम दिल्ली की वोटर लिस्ट में नहीं है और जिनके पास वोटर कार्ड नहीं है, उन्हें 1000 रुपये नहीं मिलेंगे. जो महिला वर्तमान में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार या किसी लोकल बाडी में स्थाई कर्मचारी है या पूर्व कर्मचारी रही है, जो खुद सांसद, विधायक या पार्ष रह चुकी हैं या जिन्होंने पिछले साल इनकम टैक्स भरा है, वो भी इस योजना का लाभ नहीं पा सकती.
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इन्हें भी नहीं मिलेगा लाभ
जिन महिलाओं को दिल्ली सरकार की ओल्ड ऐज पेंशन योजना, डिसेबलिटी पेंशन स्कीम, या पीडित महिलाओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायात योजना में से किसी भी स्कीम का लाभ मिल रहा है, उन्हें भी दिल्ली मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा.दिल्ली सरकार के मुताबिक, इस योजना से करीब 38 लाख महिलाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके लिए 456 करोड़ का वार्षिक बजट बनाया गया है.
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आर्थिक रूप से सशक्त होंगी महिलाएं
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना को दिल्ली की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बडा कदम बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं हैं, जो वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर नहीं हैं. उन्हें अपनी छोटी-मोटी जरूरतों की पूर्ति के लिए किसी न किसी पुरुष के सामने हाथ फैलाने पड़ते हैं. जब छोटी होती हैं, तो पिता के सामने, जब बड़ी होती हैं तो पति से पैसे मांगने पडते हैं. जब बुजुर्ग होती हैं तो बेटे के सामने हाथ फैलाना पड़ता है। महिलाओं के इसी दर्द को समझते हुए सरकार ने इस योजना को शुरू किया है.