हिमाचल में हाल ही में सामने आए साइबर ठगी के मामलों में अधिकतर शातिर गांधीनगर, मेवात, झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा से सक्रिय पाए गए हैं। पढ़ें पूरी खबर…
देश के तीन स्थानों से हिमाचल में शातिर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। हिमाचल में हाल ही में सामने आए साइबर ठगी के मामलों में अधिकतर शातिर गांधीनगर, मेवात, झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा से सक्रिय पाए गए हैं। इसके अलावा पैन इंडिया से शातिर ठगी के प्रयास में जुटे हुए हैं। ऐसे में सावधानी और जागरूकता ही बचाव का साधन है।
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पब्लिक डोमेन में उपलब्ध डाटा और विभिन्न माध्यमों से डाटा चुराकर शातिर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। शातिर डर और लालच दिखाकर लोगों को अपने झांसे में ले रहे हैं। एक बार धनराशि हाथ में आने के बाद शातिर फिर दोबारा संपर्क नहीं कर रहे हैं। साइबर शातिर रोजाना नए हथकंडे अपना रहे हैं। सोशल मीडिया, फोन कॉल, अनजान लिंक साइबर शातिरों के लिए टूल की तरह हैं। इन्हीं के जरिये शातिर अपने शिकार तक पहुंचते हैं।
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पुलिस को चकमा देने में माहिर
सूबे में स्वास्थ्य क्षेत्र भी साइबर शातिरों के निशाने पर है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी शातिर अपने झांसे में लेकर अलग-अलग तरीकों से धनराशि ठगने में लगे हुए हैं। शातिर आपस में कनेक्ट होने के साथ पुलिस को चकमा देने में माहिर हैं। चंद खातों में आई राशि को तुरंत खुर्द बुर्द करने के लिए आगे खातों में ट्रांसफर कर रहे हैं।
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1930 पर रिपोर्ट करें
स्पैम कॉल या ठगी होने पर तुरंत 1930 पर रिपोर्ट करें। जागरूकता के जरिये किसी भी तरह की ठगी से बचा जा सकता है। यह ध्यान रखें कि जब पार्सल मंगवाया ही नहीं है तो कुरियर किस चीज आ रहा है। किसी भी कॉल के आने पर शांत होकर सोच विचार करें। इस तरह ठगी से बचा सकता है। अधिकतर मामलों में शातिर तीन क्षेत्रों से जुड़े हुए पाए गए हैं। साइबर पुलिस पीड़ितों को उनकी धनराशि दिलवाने के लिए जुटी हुई है- मोहित चावला, डीआईजी, साइबर क्राइम