Us Warn Yunus On Bangladesh Hindus: बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ अत्याचार पर पहली बार अमेरिका सरकार ने बयान दिया है. व्हाइट हाउस ने कहा, बांग्लादेश की सरकार को अत्याचार करने वालों को सजा देनी होगी.
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डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति भवन में आहट का असर दिखने लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश को लेकर जो बात कह रहे थे, अब वही भाषा जो बाइडन बोलते नजर आ रहे हैं. वही, जो बाइडन जो बांग्लादेश से शेख हसीना के देश छोड़ने पर 4 महीने तक चुप रहे, लेकिन अब बांग्लादेशी हिन्दुओं के खिलाफ अत्याचार पर बांग्लादेश की सरकार चला रहे मुहम्मद यूनुस को वार्निंग दे रहे हैं. व्हाइट हाउस ने कहा- शेख हसीना के निष्कासन के बाद बांग्लादेश की हालत खराब होती जा रही है. वहां की अंतरिम सरकार को इन चुनौतियों से निपटना ही होगा. जो लोग भी वहां अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी.
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद बांग्लादेश में हालात कठिन हो गए हैं. वहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है. हम इस चुनौती से निपटने के लिए उनकी एजेंसियों के साथ संपर्क में हैं. अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि अत्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. किर्बी ने कहा, हम सभी बांग्लादेशी नेताओं के साथ अपनी बातचीत में बहुत स्पष्ट रहे हैं कि धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है. अंतरिम सरकार के नेताओं ने सभी बांग्लादेशियों को सुरक्षा देने की बात बार-बार की है. हम चाहेंगे कि वे कार्रवाई करें और उन लोगों को जिम्मेदार ठहराएं, जो अल्पसंख्यकों पर हमले कर रहे है.
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भारतीयों ने घेर लिया था व्हाइट हाउस
पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय अमेरिकियों ने व्हाइट हाउस के सामने, शिकागो, न्यूयॉर्क, एसएफओ, डेट्रायट, ह्यूस्टन और अटलांटा सहित कई शहरों में भारी विरोध प्रदर्शन किया था. इन लोगों का कहना था कि चार महीने बाद व्हाइट हाउस बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के साथ हो रही क्रूरता पर चुप क्यों है. उन्हें रोकने की कोशिश क्यों नहीं करता. भारतीय अमेरिकियों ने व्हाइट हाउस से लेकर यूएस कैपिटल तक मार्च निकाला. “हमें न्याय चाहिए” और “हिंदुओं की रक्षा करो” जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने बाइडन प्रशासन और आने वाले ट्रंप प्रशासन से आग्रह किया कि वे बांग्लादेश की नई सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए कहें.
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क्यों बदला सुर
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने सीनेटर मार्को रुबियो से इस मामले को उठाने की मांग की थी. सीनेटर मार्को रुबियो ने इसे विदेश संबंधी समिति के सामने उठाया और ध्यान देने का आग्रह भी किया. उसके तुरंत बाद व्हाइट हाउस का यह बयान आया. ऐसा इसलिए क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश मंत्री के रूप में सीनेटर मार्को रुबियो को नामित किया है. ट्रंप बार-बार बांग्लादेश में हिन्दुओं का मुद्दा उठाते रहे हैं.
एक्सपर्ट ने कहा-चार महीने बाद टूटी चुप्पी
विदेशी मामलों के जानकार ब्रम्हा चेलानी से एक्स पर लिखा, बांग्लादेश में अमेरिका समर्थित सरकार आने के चार महीने से अधिक समय बाद व्हाइट हाउस ने चुप्पी तोड़ और स्वीकार किया कि बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए हैं. व्हाइट हाउस ने कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री के निष्कासन के बाद बांग्लादेश में सुरक्षा स्थिति कठिन हो गई है और हम चुनौती से निपटने के लिए अपने कानून प्रवर्तन और सुरक्षा सेवाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.