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फरवरी में कम हो सकती है आपकी लोन EMI, RBI ने दिया हिंट

RBI

भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में सुधार के संकेत दे रही है, अगले वित्त वर्ष में 6.7% की अपेक्षित वृद्धि और मुद्रास्फीति औसतन 3.8% रहने की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है रिजर्व बैंक की अगली MPC बैठक में आपकी लोन ईएमआई का बोझ कम हो सकता है.

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अर्थव्यवस्था पर नवीनतम मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने दिसंबर तिमाही में फिर से गति पकड़नी शुरू कर दी है, दूसरी तिमाही से मिल रहे संकेतों के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति के औसतन लक्षित 4% से नीचे रहने का अनुमान है. इससे फरवरी में ब्याज दरों में कटौती संभव है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दरों में कटौती होती है, तो इससे कर्ज सस्ता होगा, जिससे उपभोग और निवेश में बढ़ोतरी हो सकती है.

कितनी रह सकती है मुद्रिस्फीति

अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 6.7% की दर से बढ़ने की संभावना है और मुद्रास्फीति औसतन 3.8% रह सकती है, जिससे मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को फरवरी में अपनी अगली बैठक में प्रमुख नीति दर को कम करने की गुंजाइश मिलेगी.

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केंद्रीय बैंक के शोध विभाग द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थिति पर जारी रिपोर्ट में कहा गया है, 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए उच्च आवृत्ति संकेतक (एचएफआई) संकेत देते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में देखी गई गति में नरमी से उबर रही है, जो मजबूत त्योहारी गतिविधि और ग्रामीण मांग में निरंतर वृद्धि से प्रेरित है.
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कटौती की उठी मांग

सितंबर में भारत की आर्थिक वृद्धि दर सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4% पर आ गई, जिससे गति को वापस लाने के लिए ब्याज दरों में कटौती की मांग उठने लगी. लेकिन केंद्रीय बैंक, जिसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत अंकों के बैंड में 4% पर लक्षित मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए यथास्थिति बनाए रखी, जो 6% के अपने ऊपरी बैंड से ऊपर थी.

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