नई दिल्ली. सहारा इंडिया में अपनी मेहनत की कमाई निवेश करने वाले करोड़ों जमाकर्ता अब भी अपने पैसे की वापसी का इंतजार कर रहे हैं. यह इंतजार तब भी खत्म नहीं हुआ, जब 18 जुलाई 2023 को CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया गया. यह पोर्टल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सहारा में पैसा जमा कराने वालों को उनका पैसा वापस दिलाने के लिए शुरू किया गया था. सहारा इंडिया की मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटियों में निवेश करने वाले निवेशकों ने रिफंड की प्रक्रिया को लेकर सरकार और SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) पर कई सवाल उठाए गए हैं. हाल ही में संसद में इस मुद्दे पर जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्थिति स्पष्ट की.
संसद में सांसद सुनील कुमार ने सरकार से सवाल किया कि क्या सहारा इंडिया फाइनेंस में गरीबों के करोड़ों रुपये फंसे हुए हैं और क्या सरकार ने निवेशकों के पैसे की वापसी के लिए कोई पोर्टल शुरू किया है? साथ ही यह भी पूछा गया कि अब तक कितने निवेशकों को उनका पैसा वापस मिला है और बाकी बचे निवेशकों को कब तक पैसा वापस किया जाएगा?
ये भी पढ़ें:- हवाई यात्रा के नए नियम: अब कितने किलोग्राम का हैंडबैग ले जा सकते हैं आप? टिकट बुक करने से पहले ये जान लीजिए
सरकार ने बताया आंकड़ा
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 के अपने आदेश में सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL), सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL), और इनके प्रमोटर्स को SEBI के पास 25,781.37 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था. 31 मार्च 2024 तक, SEBI को 15,775.50 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं.
ये भी पढ़ें:- Republic Day Parade से दिल्ली फिर बाहर, जानिए कैसे होता 26 जनवरी की झांकियों का सिलेक्शन?
अब तक कितना पैसा लौटाया गया?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, SEBI ने SIRECL और SHICL के बॉन्ड धारकों से रिफंड के लिए आवेदन मंगवाए. दस्तावेज़ों की जांच और आवेदन की वैधता की पुष्टि के बाद 17,526 पात्र बॉन्डधारकों को कुल 138.07 करोड़ रुपये वापस किए गए हैं. हालांकि, यह प्रक्रिया अभी जारी है और SEBI लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है.
सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को शेष राशि 9 महीनों के भीतर वापस करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा मुंबई के वर्सोवा स्थित एक जमीन को डेवलप करने के लिए एक समझौते का प्रस्ताव रखा गया है, जिसके तहत संबंधित कंपनियों को 1,000 करोड़ रुपये जमा करने का अंतिम अवसर दिया गया है.
सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) और इसके निदेशकों का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. इस मामले में आगे की कार्रवाई कोर्ट के आदेशों के आधार पर की जाएगी.
ये भी पढ़ें:- दिल्ली-NCR में अभी नहीं थमेगी बारिश, पंजाब-हिमाचल सहित 7 राज्यों पर IMD का अपडेट, क्रिसमस पर वेदर भी जान लें
क्या निवेशकों को उनका पैसा मिलेगा?
सरकार और SEBI का कहना है कि रिफंड प्रक्रिया जटिल है और इसमें समय लग सकता है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत निवेशकों को उनका पैसा वापस दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.