कोरोना के आफ्टर इफेक्ट्स को लेकर एक शख्स ने जो दावा किया है, वो बेहद चौंकाने वाला है और उसके डॉक्टरों का कहना है कि ये समस्या हमेशा बनी रहेगी.
वॉशिंगटन: कोरोना (Corona) के अलग-अलग लक्षण और प्रभावों से लगभग सभी परिचित हैं. पिछले दो सालों से इसके बारे में इतना देखा या सुना गया है कि ज्यादातर बातें अच्छे से दिमाग में फिट हो गई हैं. लेकिन अमेरिका में रहने वाले एक शख्स (US Man) ने कोरोना को लेकर जो दावा किया है, वो बेहद अजीब और चौंकाने वाला है.
‘Erectile Dysfunction से पीड़ित पाया’
‘मिरर’ की रिपोर्ट के अनुसार, पॉडकास्ट पर अपनी व्यथा बताते हुए इस शख्स ने दावा किया है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद उसका प्राइवेट पार्ट छोटा हो गया. शख्स ने कहा, ‘मेरी उम्र 30 साल है. पिछले साल जुलाई में मैं कोरोना संक्रमित हुआ था. इलाज के बाद जब अस्पताल से मेरी छुट्टी हुई, तो मैंने पाया कि मेरा प्राइवेट पार्ट पहले की तुलना में छोटा हो गया है. कोरोना से ठीक होने पर मुझे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) हो गया था, जो कुछ दवाओं से ठीक हो गया लेकिन ये नई समस्या पैदा हो गई’.
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क्या वाकई ऐसा हो सकता है?
शख्स ने आगे कहा कि संक्रमित होने से पहले मेरे प्राइवेट पार्ट का साइज नॉर्मल था, लेकिन अब ये पहले की तुलना में पार्ट थोड़ा सिकुड़ गया है. ऐसा संभवतया Vascular Damage की वजह से हुआ है और मेरे डॉक्टरों का कहना है कि ये समस्या हमेशा बनी रहेगी. वहीं, पॉडकास्ट पर बोलते हुए यूएस यूरोलॉजिस्ट एशले विंटर एमडी ने कहा कि यह सही है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने से प्राइवेट पार्ट छोटा हो जाता है. उन्होंने कहा, ‘इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में आप एक ऐसी अवस्था का सामना करते हैं, जब प्राइवेट पार्ट खुद को स्ट्रेच नहीं करता. दरअसल, किसी व्यक्ति के उत्तेजित होने पर उसका दिमाग उसके प्राइवेट पार्ट की नसों को वहां खून का प्रवाह बढ़ाने का सिग्नल भेजता है, लेकिन जब ऐसा नहीं होता, तो वो स्ट्रेच नहीं हो पाता और परिणामस्वरूप प्राइवेट छोटा रह जाता है’.
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Blood Flow को करता है प्रभावित
इस अमेरिकी शख्स का केस एक तरह से सबूत है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट के रक्त प्रवाह तक पहुंच सकता है. डॉ विंटर का कहना है कि ये एक दुर्लभ COVID लक्षण है, जो प्राइवेट पार्ट के रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकता है, जो बाद में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बन सकता है. डॉ विंटर ने एक यूरोलॉजिस्ट के अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि दो पुरुष जो पूरी तरह से वायरस से उबर चुके थे, उनके प्राइवेट पार्ट में वायरस के ट्रेसेस मिले, जिससे उनकी प्राइवेट लाइफ प्रभावित हुई. बाद में उन्हें Implant Surgeries करानी पड़ी.