पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भारत के महानत कप्तानों की अपनी सूची में उन्होंने एमएस धोनी को सबसे ऊपर रखा है।
विराट कोहली (BCCI)
हाल ही में भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान पद से इस्तीफा देने वाले विराट कोहली (Virat Kohli) की अगुवाई में टीम इंडिया ने लगातार तीन सालों तक आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान बरकरार रखने के अलावा ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर ऐतिहासिक सीरीज जीत दर्ज की थी। इसके बावजूद पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर (Sanjay Majrekar) ने महान भारतीय कप्तानों की अपनी सूची में कोहली को जगह नहीं दी है।
अपनी सूची में उन्होंने एमएस धोनी (MS Dhoni)को सबसे ऊपर रखा है। धोनी ने अपनी सूची में शीर्ष पर पहुंचने के बाद, मांजरेकर ने कपिल देव (Kapil Dev), सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) को महान नेताओं के रूप में चुना।
News18 के साथ इंटरव्यू के दौरान मांजरेकर ने कहा कि जब कप्तानों को जज करने की बात आती है तो ICC इवेंट्स में टीम का प्रदर्शन सबसे ज्यादा मायने रखता है। धोनी ने भारत के लिए एक नहीं, बल्कि तीन ICC ट्रॉफी जीती हैं – 2007 में टी20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी।
दूसरी ओर, बतौर कप्तान कोहली 2017 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल, 2019 वनडे विश्व कप सेमीफाइनल, 2021 विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में हारे हैं और 2021 टी20 विश्व कप में ग्रुप-स्टेज से बाहर हो गए।
उन्होंने कहा, “एमएस धोनी स्पष्ट रूप से भारत के महानतम कप्तानों में से एक हैं। मैं आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईसीसी टूर्नामेंट के आधार पर ही कप्तानों का न्याय करता हूं। क्योंकि तब आपकी वास्तव में परीक्षा होती है। जब आप बाईलैटरल क्रिकेट खेल रहे होते हैं, तो आप ऑफिस जाते हैं और वापस आते हैं। वहां ज्यादा दबाव नहीं है। लेकिन आईसीसी इवेंट्स, जहां धोनी जबरदस्त रहे हैं।”
हालांकि, मांजरेकर ने कोहली के “कभी हार ना मानने वाले रवैये” की प्रशंसा की। उन्होंने स्वीकार किया की कोहली ने एक कप्तान के रूप में एक उदाहरण स्थापित किया है लेकिन परिणाम कभी भी उनके अनुकूल नहीं रहे।
मांजरेकर ने कहा, “जब आप कोहली को देखते हैं, तो उसके बारे में बहुत सी चीजें पसंद आती हैं क्योंकि वो ऐसा व्यक्ति है जिसने नेतृत्व का उदाहरण दिया है। इस सीरीज से पहले वांडरर्स टेस्ट मैच, जब वो एक मुश्किल पिच पर खेले, वहां भारत सीरीज 2-0 से हार गया लेकिन कोहली ने कप्तान के रूप में एक मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि हम इसे ऐसी पिच के बावजूद जीतना चाहते हैं। इसने भारत का मनोबल ऊंचा रखा। विराट कोहली के साथ आपको यही मिलता है, कभी ना हारने वाला रवैया।
उन्होंने कहा, “कोहली की कप्तानी में भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार गया था। लेकिन आखिरी मिनट तक टीम इंडिया मैच को बचाने के लिए संघर्ष करता रहा। लेकिन आखिर में, आपको परिणामों के बारे में बात करनी होगी। परिणाम नहीं आ रहे थे।”
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, “तो जब हम सर्वकालिक महानों के बारे में बात करते हैं, तो इसमें धोनी को नहीं गिना जाना बहुत गलत होगा। कपिल देव ऐसे समय में जब विश्व स्तर पर (भारतीय टीम के लिए) एक हीन भावना थी। मैच फिक्सिंग युग के बाद सौरव गांगुली ने भारत को कई विदेशी जीत दिलाईं। सुनील गावस्कर भी।”
उन्होंने कहा, “तो ये सभी महान लीडर हैं। आप ऐसे युग में रहते हैं जहां बहुत सारे मंच हैं, इसलिए प्रचार ज्यादा है। लेकिन भारतीय क्रिकेट 10 साल पहले शुरू नहीं हुआ था। कई लोग हैं जो मुझे विश्वास है विराट कोहली से बेहतर कप्तान रहे हैं जो अपने आप में बहुत अच्छे हैं।”